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हरदा बेरोज़गारी के मुद्दे पर एक सितम्बर को एक दिन का रखेंगे उपवास

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा सरकार को घेरा

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपनी बात आजकल सोशल मीडिया पर रखते रहे हैं और कई मुद्दों को भी उठाते रहे हैं इस बार उन्होंने कोरोना काल में बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर प्रदेश सरकार को घेरा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट डालकर ऐलान किया है कि वे एक सितंबर को बेरोजगार नौजवानों की व्यथा को समाज के सामने और राज्य सरकार के सामने रखने के लिए उपवास पर रहेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने फेसबुक वाल पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा है कि आज बहुत चिंताजनक समाचार छपा है कि देश के अंदर लगभग एक करोड़ लोग नौकरियां खो चुके हैं और उत्तराखंड के अंदर भी यह संख्या बहुत बड़ी है।
उन्होंने कहा हम पहले से ही बेरोजगारी की मार से त्रस्त हैं और उस पर कोरोनाजन्य जो बेरोजगारी पैदा हो रही है, उसने लोगों की कमर तोड़ दी है, नौजवानों में निराशा व्याप्त हो रही है, पिछले कुछ दिनों के अंदर महीने भी छोड़िये लगभग डेढ़ सौ के करीब आत्म हत्याएं हुई हैं, जिनमें से 100 के करीब आत्महत्याएं नौजवानों की हैं, जिनके सामने एक लंबा भविष्य था, वो अवसाद में मौत का फंदा अपने गले में डाल रहे हैं, हम लोगों के लिये यह चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा मैंने पहले कहा था कि, सरकार अपने रिक्त पदों को भरने का काम नहीं कर रही है, अब मैं देख रहा हूं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना भी बीरबल की खिचड़ी की तरीके से धरातल पर उतर नहीं रही है और मैं यह भी देख रहा हूं कि मनरेगा अपने पूर्वज ढर्रे के अलावा कहीं नई संभावनाएं पैदा करने का काम ग्रामीण अंचल में नहीं कर रहा है, कोई ऐसी ठोस शुरुआत नहीं हो रही है जिससे लगे कि हम उत्तराखंड में बेरोजगारी से संघर्ष कर रहे हैं, लोगों के लिये रोजगार पैदा कर रहे हैं, सिडकुलों की दशा चिंताजनक होती जा रही है। 
उन्होंने कहा मैंने कहा था कि मैं बेरोजगारी पर एक Live प्रोग्राम दूंगा और अब मैंने तय किया है कि उससे पहले मैं 1 सितंबर को बेरोजगार नौजवानों की व्यथा को समाज के सामने और राज्य की नीति नियंताओं के सामने लाने के लिये उपवास रखूंगा और मैं आप सब को आमंत्रित करता हूं जो भी इस कार्यक्रम से जुड़ना चाहते हैं, वो अपना नंबर व नाम मेरे नंबर पर जरूर पोस्ट कर दें और मैंने इसके बाद यह भी तय किया है कि मैं दो सिडकुल का, एक तो सितारगंज सिडकुल, दूसरा रानीपुर_सिडकुल के एरिया में पदयात्रा भी आयोजित करूंगा, ताकि राज्य में बढ़ती हुई बेरोजगारी के खिलाफ एक सजगता का वातावरण पैदा हो सके।

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