सरकारी डिग्री कालेजों में शिक्षकों के आधे पद खाली

देहरादून। उत्तराखण्ड में 100 सरकारी डिग्री कालेजो में स्वीकृत 2071 प्रवक्ताओ के पदो मे से केवल 1092 प्रवक्ता कार्यरत है जिसमें से 18 महाविद्यालयो में कार्यरत नही है इसमें 15 त्याग पत्र/अन्यत्र कार्यरत प्रस्तुत तथा लम्बी अवधि से अनुपस्थित है तथा 3 प्रतिनियुक्ति पर अन्य पदों पर कार्यरत है। यह खुलासा सूचना अधिकार के अन्र्तगत सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ है।
सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उच्च शिक्षा निदेशालय उत्तराखंड में महाविद्यालयों में प्रवक्ताओं के स्वीकृत, रिक्त पदों तथा कार्यरत प्रवक्ताओं की संख्या की सूचना मांगी थी। नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार प्रदेश में 10 महाविद्यालय ऐसे है जिसमें एक भी नियमित प्रवक्ता कार्यरत नही है केवल कुछ गेस्ट प्रवक्ता ही कार्यरत हैं।
जबकि प्रदेश में एक महाविद्यालय मालधान चौड़ का राजकीय डिग्री कालेज ऐसा महाविद्यालय है जिसमें किसी भी प्रकार का एक भी प्रवक्ता कार्यरत नही है जबकि इसमें प्रवक्ताओं के 5 पद स्वीकृत है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में 8 महाविद्यालय ऐसे है जिसमें एक चौथाई भी शिक्षक किसी भी प्रकार के कार्यरत नही है। इसमें हल्दूचौड, कांड़ा, उफरखाल, नन्दासैन, कमांद, त्युनी रिखणीखाल शामिल है।
इसके अतिरिक्त एक तिहाई से कम कार्यरत शिक्षकों वाले 4 महाविद्यालयो में बलवाकोट, पटलोट, ब्रहमखाल मासी, महाविद्यालय शामिल है जबकि अन्य आधे से कम शिक्षकों वाले 10 महाविद्यालयों मे सियाल्दे भिक्यासैन गुन्तकाशी थल्यूड, रूद्रप्रयाग, अमोड़ी, तल्वाड़ी, अल्मोड़ा, मुनस्यारी, जोशीमठ के महाविद्यालय शामिल हैं।
उत्तराखंड में केवल 9 राजकीय महाविद्यालय ही ऐसे है जिसमें सभी पदों पर शिक्षक कार्यरत हैं जबकि केवल दो महाविद्यालयों में ही सभी पदों पर नियमित प्रवक्ता कार्यरत है। शेष महाविद्यालयो में रिक्त पदो पर गेस्ट शिक्षक व सांध्यकालीन शिक्षक कार्यरत है। सभी नियमित भरे पदों वाले महाविद्यालयों में 7-7 पदों वाले मंगलौर तथा लक्सर के महाविद्यालय शामिल है। जबकि अन्य सभी भरे पदों वाले महाविद्यालयों में लमगडा, गराई गंगोली, पावकी देवी, गुरूदाबाज, गंगोली घाट, कोटाबाग, भगवानपुर के महाविद्यालय शमिल हंै।