श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया गुरूनानक देव का प्रकाशोत्सव
देहरादून । सिखों के प्रथम गुरू श्री गुरूनानक देव का 548वां पावन प्रकाशोत्सव गुरूद्वारा रेसकोर्स के खुले पंडाल में पूर्ण श्रद्धा एवं उत्साह के साथ कथा कीर्तन के रूप में मनाया गया।
यहां गुरूद्वारा श्री गुरू सिंह सभा आढ़त बाजार के तत्वावधान में श्री सुखमनी साहिब एवं नितनेम के पश्चात भाई गुरकीरत सिंह हजूरी रागी दरबार श्री अमृतसर वालों ने आसा दी वार का सबद कायन कर संगतों को निहाल किया। इस अवसर पर भाई सतवंत सिंह ने सबद ‘धान नानक तेरी बढ़ी कमाई’ अमृतसर से पधारे भाई सतवंत सिंह ने सबद गायन कर संगतों को निहाल किया।
इस अवसर पर प्रमुख ग्रंथी ज्ञानी शमशेर सिंह ने कहा कि सिख धर्म के प्रथम गुरू श्री गुरूनानक देव ने अंध विश्वास, भ्रम आदि को दूर करने के लिए 48 हजार किलोमीटर पैदल यात्रा की एवं सभी को एक अकाल पुरख के साथ जोडकर धर्म की कीरत करो, नाम जयो बंड छको का उपदेश दिया। इस अवसर पर द हैरिटेज स्कूल, द एशियन स्कूल, दून इंटरनेशनल स्कूल, गुरूनानक एकेडमी दून कैम्ब्रिज स्कूल, शिवालिक इंटरनेशनल स्कूल , गुरूनानक दून वैल आदि के बच्चों ने सबद गायन कर संगतों को निहाल किया।
इस अवसर पर गुरू सिख एजुकेशन सोसाइटी द्वारा दून के होनहार बच्चों को सर्वाधिक अंक हासिल करने पर सम्मानित किया गया। पूर्व हैड ग्रंथी ज्ञानी सुखदेव सिंह ने गुरूनानक देव युग पर्वतक कहा और जिन्होंने परिश्रम की कमाई से जीवन यापन करना सभी को प्राणियों को एक समान समझाना, मिल बांटकर खाने, पुण्यदान एवं नाम सिमरन का उपदेश दिया।
इस अवसर पर हजारों लोगों ने गुरू का अटूट लंगर छका। इस अवसर पर अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राजन, उपाध्याय जगमिन्द्र सिंह छाबडा, पफूला सिंह, हरपाल सिंह, महासचिव गुरमीत सिंह दुग्गल, गुलजार सिंह, दलीप सिंह, चरणजीत सिंह, सेवा सिंह मठारू, गुरबक्श सिंह, गुरूचरण सिंह, मंजीत सिंह, देवेन्द्र सिंह, अमरजीत सिंह आनंद, बलवीर सिंह साहन, हरचरण सिंह चन्नी, गुरविन्द्र सेठी, गुरनाम सिंह सेठी आदि मौजूद थे।



