UTTARAKHAND
भ्रष्टाचार बन गया है आज के समाज का शिष्टाचार !


जैसा कि हम जानते हैं कि भ्रष्टाचार और अपराध की प्रवृतियों ने समाज में अपने जड़ें व्यापक रुप से जम चुकी हैं। बिनोवाभावे के शब्दों में”भ्रष्टाचार आज के समाज का शिष्टाचार” बनकर रह गया है। जब सभी लोग ऐसा करने लगे तो वह केवल शिष्टाचार रह जाता है। वह भ्रष्टाचार तबतक है जबतक उसे कुछ लोग करते हैं। लेकिन जब इसे सभी अपने आचरण में अपनाने लगे तो वह एक शिष्टाचार बनकर रह जाता है।Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.