पीडीएफ के मंत्रियों के इलाज पर सरकार ने खर्च किये करोड़ों
स्व सुरेंद्र राकेश के बाद दुर्गापाल व दिनेश धनै के लाखों के आये बिल
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । हरीश रावत सरकार को हर संकट से उबारने वाला प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फंट (पीडीएफ) अगामी चुनावों में सीटों को लेकर कांग्रेस को तो भारी पड़ ही रहा है, मगर राज्य सरकार के लिये भी ये संकट मोचक बेहद महंगे पड़ रहे हैं। पिछले तीन वर्षों के दौरान ही राज्य सरकार पीडीएपफ के मंत्रियों के केवल इलाज पर ही 1.53 करोड़ से अधिक खर्च कर चुकी है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के बीच कलह का कारण बने पीडीएपफ के तीन मंत्रियों की बीमारी ने राजकोष की सेहत भी बिगाड़ दी है। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार पीडीएफ कोटे के मंत्री सुरेन्द्र रोकश के इलाज पर राज्य सरकार को 1,47,14,549 रुपये की धनराशि खर्च करनी पड़ी है। दुर्भाग्य से देश विदेश में उनके इलाज पर इतनी बड़ी रकम खर्च करने के बाद भी कैबिनेट मंत्री रहे सुरेन्द्र राकेश को बचाया नहीं जा सका।
स्वर्गीय सुरेन्द्र राकेश की मृत्यु के बाद भी सरकार को अस्पतालों के उनके बिल भरने पड़े हैं। इनमें से 30,37,441रु। तथा 3,68,771 रुपये की रकम मंत्री की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी श्रीमती ममता राकेश को सरकार द्वारा सौंपी गयी। इन दो रकमों के अलावा सुरेन्द्र राकेश के इलाज के लिये 11 मार्च 2014 को 1,20,458 रुपये, 10 दिसम्बर 2014 को 24,24,912 रुपये, 17 अक्टूबर 2014 को 21,41,157 रुपये, 18 सितम्बर 2014 को 13,49,057 रुपये, 15 अप्रैल 2014 को 15,09,260 रुपये, 3 जनवरी 2014 को 35,70,739 रुपये और 11 मार्च 2014 को 1,20,458 रुपये की राशि जारी की गयी। इनके अलावा 5 राशियां एक लाख से कम रकम की थीं।
कैबिनेट में शामिल श्रम एवं खादी ग्रामोद्योग मंत्री के इलाज पर राज्य सरकार अब तक 3 लाख 96 हजार, 890 रुपये खर्च कर चुकी है। सन 2012 से लेकर अब तक राज्य सरकार ने उनके 17 मेडिकल बिलों पर यह राशि खर्च की है। उनके इलाज पर सबसे बड़ी रकम 1 लाख 28 हजार 680 सन् 2013 में खर्च की गयी। दूसरी बड़ी रकम 1 लाख 20 हजार वर्ष 2015 में खर्च की गयी। इस वर्ष अक्टूबर तक उनका चार बार महंगा इलाज हो चुका है। जबकि सन् 2015 में 5 बार और 2014 में 3 बार इलाज हुआ था। 70 वर्षीय दुर्गापाल नैनीताल जिले की लालकुआॅ विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर आये हैं और उसी सीट पर वह इस बार भी जोर आजमाना चाहते हैं। लाखों रुपये की दवाओं ने शारीरिक रूप सें कितना सक्षम बनाया, यह आने वाला समय ही बतायेगा मगर वह अपनी सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर किसी भी दशा में समझौते के पक्ष में नहीं है।
टिहरी सीट से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को हरा कर विधानसभा पहुंचे दिनेश धनै के इलाज पर राज्य सरकार 2,36,324 रुपये खर्च कर चुकी है। वह हरीश रावत सरकार में पर्यटन और चिकित्सा शिक्षा का मंत्रालय संभाले हुये हैं। 46 वर्षीय दिनेश धनै का मेदान्ता गुड़गाव में तथा देहरादून के सीएमआइ अस्पताल में इलाज हो चुका है। उनके इलाज का सबसे लम्बा 1,35,504 रूपये का बिल मेदान्ता से आया था। राज्य सरकार की ओर से इस युवा मंत्री के इलाज के कुल 9 बिलों का भुगतान किया गया। जिनमें सीएमआइ के बिल की 46,361 रुपये की राशि भी शामिल है।
पीडीएफ के मंत्रियों शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथाणी ज्यादा स्वस्थ और तन्दुरुस्त माने जा सकते हैं। राज्य सरकार को उनका केवल एक मेडिकल बिल पहुंचा है और वह भी उनका अपना नहीं बल्कि उनकी पुत्री के इलाज का है। वह बिल भी मात्र 3600 रुपये का है।