Government Job Exam : UKSSSC-UKPSC में इतने फीसदी अनुपस्थित
सरकारी नौकरी की परीक्षा देने नहीं आ रहे युवा, UKSSSC-UKPSC में इतने फीसदी अनुपस्थित
Government Job Exam : UKSSSC-UKPSC में इतने फीसदी अनुपस्थित
देहरादून : उत्तराखंड में सरकारी नौकरी की परीक्षा देने में युवा नहीं आ रहे हैं। यूकेएसएसएससी और यूकेपीएससी परीक्षाओं में अभ्यर्थी अनुपस्थित हो रहे हैं। चिंता की बात है कि परीक्षा फॉर्म भरने वाले युवा अधिक हैं।
उत्तराखंड राखंड में सरकारी नौकरी की चाह में हर परीक्षा में जिले के हजारों युवा आवेदन करते हैं, लेकिन जब परीक्षा की बारी आती है तो परीक्षा देने आधे ही अभ्यर्थी पहुंच रहे हैं। इसकी तस्दीक बीती तीन परीक्षाओं के आंकड़े कर रहे हैं। यूकेएसएसएससी और यूकेपीएससी परीक्षाओं में अभ्यर्थी अनुपस्थित हो रहे हैं।
कुछ महीनों में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग व उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से अधिशासी अधिकारी एवं कर व राजस्व निरीक्षक, सहकारिता पर्यवेक्षक और पर्यावरण पर्यवेक्षक, वन आरक्षी वन दरोगा आदि परीक्षाओं का आयोजन किया गया।इन परीक्षाओं में करीब दो से पांच हजार अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरे, लेकिन परीक्षा के लिए करीब आधे अभ्यर्थी ही पहुंचे। इस रविवार को ही अधिशासी अधिकारी एवं कर व राजस्व निरिक्षक परीक्षा में केवल 66 फीसदी युवा ही परीक्षा देने के लिए पहुंचे।
वहीं, इससे पहले हुई सहकारिता पर्यवेक्षक और पर्यावरण पर्यवेक्षक में 43 फीसदी, वन दरोगा में 57 फीसदी और वन आरक्षी में 36 फीसदी ने परीक्षा नहीं दी। सहकारिता और पर्यावरण पर्यवेक्षक परीक्षा उत्तराखंड लोक सेवा की ओर से 19 नवंबर को सहकारिता पर्यवेक्षक और पर्यावरण पर्यवेक्षक परीक्षा आयोजित की गई। इसमें कुल 2049 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इनमें से 1172 अभ्यर्थियों ने ही परीक्षा दी। शेष 43 फीसदी अभ्यर्थी परीक्षा देने को नहीं आए।वन आरक्षी परीक्षा
नौ अप्रैल को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से वन आरक्षी परीक्षा कराई गई। इसमें कुल पंजीकृत 11130 युवाओं में से 7205 ने ही परीक्षा दी। जबकि 3925 अभ्यर्थी परीक्षा में अनुपस्थित रहे। यहां भी परीक्षा छोड़ने वाले अभ्यर्थियों का आंकड़ा 36 फीसदी रहा।
वन दरोगा परीक्षा
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से 11 जून को वन दरोगा की परीक्षा कराई गई। इसमें कुल 3080 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इनमें से केवल 1350 अभ्यर्थियों ने ही परीक्षा दी। इस परीक्षा में 1730 यानी 57 फीसदी अभ्यर्थियों ने परीक्षा देने में रुचि नहीं दिखाई।