UDHAM SINGH NAGAR

सरकार पर बेहड़ ने लगाया एनएच 74 घोटाले के आरोपियों को बचाने का आरोप

तथ्य की सत्यता में स्वयं उलझी सरकार : बेहड़ 
रुद्रपुर । पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ ने त्रिवेन्द्र सिंह रावत की सरकार के सौ दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में अपनी पीठ थपथपाने वाली बीजेपी को आड़े हाथ लिया है। प्रेस को जारी बयान में पूर्व काबीना मंत्री  बेहड़ ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग के तीन सौ करोड़ से ऊपर के घोटाले की सीबीआई जांच कराने को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताने वाले मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत इसी तथ्य की सत्यता में स्वयं उलझे हुए हैं। 
 
श्री बेहड़ ने यह भी आरोप लगाया कि जिस तरह सीबीआई के इस घोटाले की जांच की सहमती देने के बाद इस मामले की जांच में लगा विशेष जांच दस्ता यानि पुलिस की एसआईटी तेजी दिखाते हुए काम कर रही है। उससे साफ है कि केंद्र सरकार के मंत्री नितिन गडकरी के इशारे पर राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारीयों को सीबीआई जांच से पूर्व ही क्लीन चिट दे देना चाहती है, ताकि सीबीआई जांच से पूर्व ही एनएचएआई के लोग सजा के दायरे से बाहर हो जाएं। उसके बाद घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाएगी।  
 
अपने बयान में श्री बेहड़ ने कहा कि सरकार का सौ दिन का कार्यकाल निराशाजनक रहा है। उन्होंने त्रिवेन्द्र रावत पर हमला करते हुए कहा कि 17 मार्च को शपथ लेने वाली बीजेपी की त्रिवेन्द्र रावत सरकार में सबसे पहले तीन सौ करोड़ से ऊपर का राष्ट्रीय राजमार्ग घोटाला सामने आया है। कुमाऊं के तत्कालीन कमिश्नर डी सेंथिल पांडियन की कर्तव्यनिष्ठता के कारण अफसरों और सफेदपोश नेताओं की मिलीभगत से हुआ यह घोटाला उजागर हुआ। इसके बाद मुख्यमंत्री ने छब्बीस मार्च को इस घोटाले की सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी थी। मगर तीन महीने बीतने पर भी सिवाए आश्वासन के कुछ नजर नहीं आ रहा है। कभी सीबीआई को अनुस्मारक पत्र भेजे जाते हैं तो कभी जनता के सामने इस मामले की तह तक जाने का नाटक किया जाता है। बेहड़ ने आरोप लगाया कि डबल इंजन की सरकार के बावजूद जनता की गाढ़ी कमाई पर तीन सौ करोड़ का डाका डालने के इस घोटाले को आखिरकार सीबीआई अपने हाथ में लेने में इतनी देरी क्यों कर रही है।
 
सीमावर्ती उत्तर प्रदेश का उदहारण देते हुए कहा कि डबल इंजन वाली यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इन्ही सौ दिनों में कई मामलों की सीबीआई जांच करवाने में सफलता प्राप्त की है। 
 
बेहड़ ने तथ्यपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि योगी सरकार ने वक्फ बोर्ड स्कैम, गोमती रिवर फ्रंट, आईएएस अनुराग तिवारी मृत्युकांड, मायावती राज में 21 चीनी मिलें में बेचे जाने का मामला, जवाहर बाग काण्ड की सीबीआई संस्तुति और स्वीकार्यता कराने के साथ ही लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क और हुसैनाबाद हेरिटेज जोन मामले में सीबीआई की सफलतापूर्वक संस्तुति करने में अपनी सरकार का केंद्र सरकार के साथ तारतम्य दिखाया है। 
 
उन्होंने आरोप लगाया है कि शायद उत्तराखंड की सरकार को केंद्र से कोई तवज्जों नहीं मिल रही है, जिस कारण न ही यहां किसी संस्तुति पर केंद्र की जांच एजेंसी सीबीआई ध्यान देती है और न ही यहां के किसानों के कर्ज माफी की घोषणा करने की हिम्मत प्रदेश सरकार में है। बेहड़ ने कहा कि केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के पांच अप्रैल को लिखे पत्र से भी बीजेपी की मंशा पर सवालिया निशान उठते हैं कि आखिर तीन सौ करोड़ से भी अधिक रुपये के घोटाले के आरोपियों को बचाने का प्रयास बीजेपी क्यों कर रही है। इसके अलावा ईमानदार अधिकारी पांडियन को ट्रांसफर करना भी सरकार की मंशा को कटघरे में खड़ा करता है। सीबीआई जांच के नाम पर यूपी के मुख्यमंत्री जिसे चाहे उस मामले को सर्वोच्च एजेंसी को सौंप रहे हैं और सीबीआई भी हाथों हाथ उस मामले को ले रही है, फिर आखिर ऐसा क्या है कि संज्ञान में आने के साढ़े तीन महीने बाद भी उत्तराखंड का राष्ट्रीय राजमार्ग घोटाला सीबीआई ने हाथ में नहीं लिया है।   
 
त्रिवेन्द्र रावत सरकार को डबल इंजन के मोर्चे पर फेल बताते हुए बेहड़ ने आरोप लगाया कि जो सरकार अपनी ही जनता के खून पसीने की कमाई पर डाले हुए डाके का पता नहीं लगा सकती वह विकास क्या करेगी। उन्होंने कहा कि डबल इंजन अब डिब्बों में माल भरकर दिल्ली तक पहुंचाने का काम कर रहा है और सरकार भ्रष्टाचार के प्रति अपनी जेरो टॉलरेंस को नीति में असफल साबित हुई है, जो सरकार बीते सौ दिन में डबल इंजन के बावजूद अपने प्रदेश में तीन सौ करोड़ रुपये की चोरी के लिए सीबीआई जांच नहीं करवा सकी, उसे सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं हैं।  

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »