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देवभूमि उत्तराखंड कल्याण समिति’ के कार्यक्रम में पहुंचे जनरल बिपिन रावत

दिल्ली पुलिस कर्मियों द्वारा गठित है देवभूमि उत्तराखंड कल्याण समिति

सी एम पपनैं

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस मे कार्यरत उत्तराखंडी पुलिस परिवार सदस्यों द्वारा गठित ‘देव भूमि उत्तराखंड कल्याण समिति’ के सौजन्य से तालकटोरा इंडोर स्टेडियम मे भव्य रंगारंग सांस्कृतिक संध्या एवं ‘उत्तराखंड गौरव सम्मान’ का आयोजन मुख्य अतिथि भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की उपस्थिति मे सम्पन्न हुआ।

आयोजित सांस्कृतिक सांझ के अन्य गणमान्य अतिथियो मे एयर इंडिया सीएमडी अश्विनी लोहानी, ले.जनरल अनिल भट्ट, भारतीय कोस्टगार्ड के एडीजी कृपा राम नौटियाल, आईपीएस डी पी वर्मा, आईपीएस अवकाश प्राप्त दिनेश भट्ट, भारतीय कोस्टगार्ड डीआईजी कैलास नेगी, राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, एसीपी राम सिंह रावत, एसीपी मनोज पंत, एसीपी सजवान, पूर्व प्रमुख भारतीय कोस्टगार्ड राजेंद्र सिंह, समाजसेवी नरेंद्र लड़वाल, गजेंद्र सिंह रावत, डी आर गुप्ता, संजय शर्मा दरमोडा, आर पी कोटनाला, अमिताभ रावत, बिट्टू उप्रेती तथा डॉ विनोद बछेती मुख्य थे।

थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के सानिध्य मे गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन की रश्म अदायगी के बाद आयोजको द्वारा मुख्य अतिथि के साथ-साथ अन्य सभी गणमान्य अतिथियो को ‘उत्तराखंड गौरव सम्मान’ से नवाजा गया। सम्मान स्वरूप स्मृति चिन्ह व पौधे भेट किए गए।

विगत सात दशकों से दिल्ली पुलिस मे कार्यरत उत्तराखंड के प्रबुद्ध पुलिस कर्मियों का सपना था, एक दिन अपने पुलिस परिवारों के कल्याण तथा उत्तराखंड की स्मृद्ध पारंपरिक लोक संस्कृति, बोली-भाषा, रहन-सहन, खान-पान इत्यादि के संरक्षण व संवर्धन हेतु एक संस्था का गठन कर उक्त परिपाठियो पर दिल्ली प्रवास मे कार्य करे। संस्था के कार्यो के बल आज की पीढ़ी को अपनी स्मृद्ध पारंपरिक परम्पराओ से अवगत करा, भविष्य की पीढ़ी के लिए उसका संरक्षण व संवर्धन हेतु प्रयास करे।

निरंतर कटिबद्ध रहने व 2015 से व्हाट्सप ग्रुप से शुरुआत करने के बाद इस वर्ष 2019 मे पुलिस कर्मियों का सपना दिल्ली पुलिस मे एसीपी रहे अवकाश प्राप्त सतीश शर्मा के संरक्षण तथा गठित संस्था अध्यक्षा श्रीमती आशा पत्नी राम प्रसाद भट्ट, श्रीमती गुड्डी पत्नी रमेश सिंह जयाडा, श्रीमती मधु पत्नी दिनेश सिंह पटवाल, श्रीमती सीमा नेगी पत्नी विक्रम सिंह नेगी के साथ-साथ माया रावत, बसंत बल्लभ जोशी, देवकी नंदन बिष्ट, राजेंद्र जोशी, विजय असवाली, भैरव पंत, मोहन बिष्ट, ललित भट्ट, दिनेश नेगी, पदम रतूड़ी इत्यादि सहयोगियो की कुशल कार्यक्षमता, लगन, मेहनत व निष्ठा से यह सपना साकार हुआ।

तालकटोरा इंडोर स्टेडियम मे पहला रंगारंग सांझ का भव्य आयोजन गठित संस्था ‘देवभूमि उत्तराखंड कल्याण समिति’ द्वारा दिल्ली पुलिस कर्मियों के अनगिनत परिवारों के अपार सहयोग से आयोजित किया गया। कार्यक्रम योजना सफल साबित हुई।

वर्तमान मे दिल्ली पुलिस मे कार्यरत अस्सी हजार पुलिस कर्मियों मे करीब आठ हजार पुलिसकर्मी उत्तराखंड मूल के हैं। जिनमे करीब चालीस डिप्टी व असिस्टेंट कमिश्नर पदों तथा एक सौ पचास के करीब इंस्पेक्टर पदों पर पदासीन हैं। आशानुसार अवकाश प्राप्ति के बाद सेवा निवर्त पुलिस कर्मी गठित संस्था की सदस्यता ग्रहण कर, दिल्ली प्रवास मे उत्तराखंड की अन्य प्रवासी संस्थाओं के साथ तालमेल बिठा, उत्तराखंड की सामाजिक व सांस्कृतिक नींव को मजबूत दिशा प्रदान करने का काम कर सकेंगे। शुरुआती दौर मे ही गठित इस संस्था से उत्तराखंड के करीब आठ सौ दिल्ली पुलिस से संबद्ध रहे कर्मी जुड़ चुके हैं। जिनके जुड़ने का क्रम निरंतर बढ़ता जा रहा है।

गठित संस्था द्वारा आयोजित सांस्कृतिक सांझ मे पुलिस कर्मियों, उनके परिवार के सदस्यों, बच्चों तथा उत्तराखंड के सु-विख्यात लोकगायकों द्वारा उत्तराखंड के लोकनृत्य, गीत, संगीत का भव्य रंगारंग कार्यक्रम करीब पांच घन्टे तक इंडोर स्टेडियम में मौजूद करीब चार हजार पुलिस कर्मियों के प्रबुद्ध परिवारों की मौजूदगी मे सम्पन्न हुआ।

आयोजित कार्यक्रम मे निशा खुल्बे द्वारा गढ़वाली लोकगीत –
फ्योलड़िया त्वे देखी औदु यू मन मा,
तेरो मेरो साथ छो यो पहल जनम मा…।
मे प्रस्तुत नृत्य तथा दिल्ली पुलिस मे कार्यरत महिला कर्मियों माया रावत तथा उषा रावत द्वारा प्रस्तुत समूह नृत्य सु-विख्यात लोकगीत-
बेडू पाको बारो मासा
ओ नरैण काफल पाको चैता..।
ने श्रोताओं के मध्य धूम मचाई। श्रोताओं ने हर्षध्वनि तथा तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नृत्य-गान का सम्मान किया।

पुलिस परिवार के छात्र मनीष गिरी द्वारा सेना व अर्धसैनिक बलों मे कैरियर बनाने हेतु, उपयुक्त शिक्षा पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया गया।

पुलिसकर्मी चंद्रसिंह राजता द्वारा कुमांऊनी गीत-
मैं पहाड़ी नि हारी,
यू जिंदगी मै जीती..।
तथा दिल्ली पुलिस कलोनी नरेला महिला समूह द्वारा एक पुरुष नर्तक-गायक के सानिध्य मे कुमांऊनी झोड़ा नृत्य-गान मंचित किया गया। झोड़े के बोल थे-
धौली गंगा भागीरथो को,
क्ये भलो रिवाज।
खोली दे माता खोलि भवानी,
धार मा किवाड़ा..।

पुलिस इंस्पेक्टर पदमिन्दर रावत व उनकी सुपुत्री नम्रता रावत द्वारा कुमांऊनी-गढ़वाली के प्रसिद्ध लोकगीतों की प्रभावशाली मैलोडी प्रस्तुत की गई-
1-झन जया बोज्यू छाना बिलोरी, लागिल बिलोरी का घामा…।
2-सारू मा फूली ग्य्ये फुलूदी…।
3-सरगी तारा को सुणलो तेरी मेरी बाता…।
4-जुल्मी संग आँख लडी ..।
5-कैलै बजे मुरली, ओ बैणा..।
कर्ण प्रिय आवाज मे गाई गई मैलोडी सुन बहुत देर तक श्रोताओं की तालियां इंडोर स्टेडियम मे गुंजायमान रही।

मंच पर कौशल पांडे द्वारा गाए मांगल गीत-
दैणा होया खोलि का गणेशा…दैणा होया खोली का नरैण..दैणा होया बद्री-कैदार..पंचनाम देवा रे…।
मे दिल्ली पुलिस की महिला कर्मियों द्वारा सुर मिला शानदार व यादगार प्रस्तुति मंचित की गई।

सांस्कृतिक रंगारंग सांझ मे आमंत्रित उत्तराखंड के सु-विख्यात लोकगायक व गायिकाओ द्वारा मुकेश कठैत के संगीत निर्देशन मे भव्य लोकगायन किसन महिपाल, आशा नेगी, गजेंद्र राणा, बिसन हरियाला, पूनम सती तथा जौनसारी गायिका आशा जोशी द्वारा प्रस्तुत किए गए।

माँ भगवती राज राजेश्वरी की डोली यात्रा, इंडोर स्टेडियम मे दर्शको के मध्य चारों ओर माँ भगवती सामूहिक वंदना-
हे मेरी माता राजे नंदा देवी तेरी जै हो.. गढ़ कुमाऊँ की माता तेरी जै बोला…।
के गायन के साथ पारंपरिक अंदाज मे घुमाई गई। डोली यात्रा ने दर्शको की आस्था को जगा उन्हे पहाड़ो मे आयोजित होने वाली जात्रा की याद दिलाई। भाव विभोर हो दर्शक आस्था स्वरूप डोली मे विराजमान देवी मां के दर्शन करने तथा भेट चढ़ाने को आतुर दिखे।

गायक गजेंद्र राणा के प्रस्तुत गीतों मे-
1-जख देवता को…।
2-त्यूलै धारो बोला, ये लीला घस्यारी…।

किशन महिपाल-
1-सब दयप्तो का गों छन भैजी..।
2-ओ भाना रंगीली भाना…।
3-फ्योलड़िया…।

बिशन हरियाला (छपेली)-
1-गोरख्ये च्येली भागुली,
होशिया च्यैली त्युलै धारो बोला…।
2-दिल्ली पुलिस स्पेशल सैल के इंस्पेक्टर स्व.मोहन चंद्र शर्मा को समर्पित बिशन हरियाला का स्वरचित गीत-
गंगा जमुना जब तक रहलो,
मोहन चंद्र त्येरो नाम रहलो।
बद्री विशाल जब तक रोला,
मोहन चंद्र त्येरो नाम रहलो।
बटला हाउस में, आतंकियो की टोली,
लड़न-लड़न दाज्यू लगि गई गोली।
तिरंगा जब तक रोलो,
मोहन चंद्र त्येरो नाम रोलो…।
गीत के बोलो ने 29 सितम्बर 2008 को बाटला हाउस में आतंकियों के द्वारा दिल्ली पुलिस के शहीद इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा को श्रद्धाजंलि स्वरूप प्रस्तुत किया गया। उक्त रचित गीत के स्वरों ने श्रोताओं को शहीद की याद मे भाव विभोर किया।

पूनम सती-
माया लैग्ये म्यार दगड़ा…।
तथा आशा नेगी-
1-ताल गधेरी, माल गधेरी, मुर्गी बासिने…।
2-गोरी मुखड़ी रजुली तेरो कस भागा…।
3-पारे भीड़ा बसंती छोरी…।
4-चांदी बटना कुर्ती कोलर मा..।
द्वारा उक्त सु-प्रसिद्ध लोकगीत बड़े ही मनोभाव से निराले अंदाज मे प्रस्तुत किए गए।

गायिका आशा नेगी वर्तमान मे उत्तराखंडियों के बीच चांचरी, छपेली व न्योली के गायन क्षेत्र मे एक चिरपरिचित नाम होने के साथ-साथ एक खनकती सुरीली आवाज का जादू भी है। जिस भी मंच से यह गायिका गायन करती है, अपनी गायन विधा की छाप श्रोताओं पर छोड़ जाती है।

आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमो का समापन लोकगायक मुकेश कठैत के सु-प्रसिद्ध गीत-
पंडो खेला पांसो…।
से हुआ।

भव्य आयोजित कार्यक्रम का मंच संचालन पुलिस इन्स्पेक्टर पदमिन्दर रावत व कौशल पांडे द्वारा तथा आमंत्रित लोकगायकों के कार्यक्रम का मंच संचालन पन्नू गुसाई द्वारा बखूबी संचालित किया गया।

कयास लगाया जा सकता है, दिल्ली प्रवास मे उत्तराखंड के पुलिस कर्मियो द्वारा गठित संस्था ‘देवभूमि उत्तराखंड कल्याण समिति’ के गठन का उद्देश्य सिर्फ पुलिस परिवारों के कल्याण तक ही सीमित न रह कर, सार्थक, कल्याणकारी तथा दूरदर्शी सोच के साथ प्रवासी जनसरोकारों से जुडी अन्य प्रवासी संस्थाओ के उत्थान व उनके संवर्धन हेतु भी होगा। जनसरोकारों से जुडी संस्थाओ का मिलजुल कर व कटिबद्ध होकर काम करना न सिर्फ दिल्ली प्रवास मे निवासरत प्रवासियों के भविष्य के लिए हितकर होगा, उत्तराखंड की लोकसंस्कृति, बोली-भाषा, साहित्य, शिक्षा, समाज सेवा इत्यादि के संरक्षण व संवर्धन हेतु भी महत्वपूर्ण होगा।

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