HARIDWAR

गंगा घाटों पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, स्नान का क्रम जारी

धर्मनगरी में धूमधाम से मनाया गया बैसाखी पर्व

बैसाखी पर्व पर श्रद्धालुआें ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

हरिद्वार । बैसाखी पर्व पर हरिद्वार के गंगा घाटों में श्रद्धालुओं की भीड़ स्नान को उमड़ पड़ी। सुबह शुरू हुआ स्नान का क्रम जारी है। वहीं श्रद्धालु दान आदि कर घर परिवार में सुख समृद्धि की कामना भी कर रहे है। इस दौरान हरकी पैड़ी सहित धर्मनगरी के अन्य घाट हर-हर गंगे के जयघोष से गुंजायमान रहे।

तीर्थनगरी में बैसाखी का पर्व पूरी आस्था और सौहार्दपूर्ण तरीके से मनाया जा रहा है। हरिद्वार के हृदय हरकी पैड़ी, ब्रह्मकुंड पर तड़के से ही स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू हो गई थी। सूरज की पहली किरण के साथ ही श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा में डुबकी लगानी शुरू कर दी। स्नान करने के उपरांत सभी ने भगवान सूर्य को अर्ध्य देने के साथ दान पुण्य का लाभ भी अर्जित किया। वर्ष भर परिवार की कुशलता के लिए लोगों ने पंडितों से अनुष्ठान भी करायें । इसके बाद मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।

शास्त्रीय मान्यताओं में हिंदुओं के लिए बैसाख को नववर्ष की शुरुआत के तौर पर माना जाता है। हिंदू इस दिन पर सदानीरा में स्नान कर भोग लगा और पूजा करके मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि हजारों साल पहले देवी गंगा इसी दिन धरती पर उतरी थीं। उन्हीं के सम्मान में हिंदू धर्मावलंबी पारंपरिक पवित्र स्नान के लिए गंगा किनारे एकत्र होते हैं। इस दिन पवित्र नदियों के जल में स्नान करने मात्र से आदमी के सारे पाप धुल जाते हैं।

इस दिन लोग दूर-दूर से आकर पवित्र नदियों के जल में स्नान और मंदिरों में पूजा-अर्चना करके भगवान से परिवार की सुख समृद्धि की कामना करते हैं। इस दिन मकर संक्राति की भी पूजा लोगों ने पूजा की। धर्मनगरी में हरकी पौड़ी के साथ विष्णु घाट, बिरला घाट, सुभाष घाट, गणेश घाट, दक्ष घाट, राजघाट, सीता घाट सहित सभी प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं का दिन- भर स्नान का क्रम चलता रहा। मंदिरों और आश्रमों में पूजा अर्चना के साथ भोज भंडारे का आयोजन हुआ है।

धर्मनगरी में बैसाखी का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया। बैसाखी के अवसर पर श्रद्धालुओं ने जहां एक ओर हरकी पौड़ी पर गंगा स्नान किया वहीं दूसरी ओर पंचपुरी के समस्त गुरूद्वारों में बैसाखी पर्व पर कार्यक्रम आयोजित हुए। सुबह से ही गुरूद्वारों में श्रद्धालुओं का आना जारी रहा और श्री गुरूग्रंथ साहब के श्रद्धालुओं ने माथा टेका। 

इस अवसर पर गुरूद्वारों में शबद कीर्तन, बैसाखी पर्व के बारे में जानकारी दी गई। ज्वालापुर स्थित गोल गुरूद्वारे में आयोजित कार्यक्रम में निर्मल संतपुरा के संत जगजीत सिंह ने श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि सत्संग में भाग लेने से मनुष्य का कल्याण होगा है। धर्म के प्रति आस्था जागृत होती है। उन्होंने युवाओं से आहवान करते हुए कहा कि धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर रूचि लेनी चाहिये। उन्होंने कहा कि बैसाखी पर्व गुरूद्वारों सृजन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है गुरू परम्पराओं को सभी को आदर करते हुए निर्वहन करना चाहिये।

प्रधान टेक सिंह ने बताया कि हर वर्ष गुरूद्वारे में धूमधाम से बैसाखी पर्व एवं अन्य धार्मिक पर्व मनाये जाते हैं बड़ी संख्या में बैसाखी पर्व पर सिख समुदाय के लोगां ने लंगर एवं शबद कीर्तन में प्रतिभाग करते हुए गुरूओं की परम्पराओं का ज्ञान अर्जित किया। उन्होंने कहा कि बैसाखी पर्व पर श्री गुरूगोबिन्द सिंह द्वारा खालसा पंथ की स्थापना की गई थी उनके उपदेशों एवं सिद्धान्तों को अपनाये जाने की आवश्यकता पर उन्होंने बल दिया। इस अवसर पर स0 प्रीतम सिंह, हरप्रीत सिंह, रविन्द्र पाल सिंह, दानवीर सिंह, कमलजीत सिंह, सुरेन्द्र सिंह, डॉ0 जसबीर सिंह, महेन्द्र सिंह, झरमल सिंह, ज्ञानी बाबा हुकम सिंह, दिलीप सिंह, गुरजीत सिंह, मनप्रीत कौर, हरप्रीत कौर, हरविन्द्र कौर, अनिता कौर, जसविन्द्र कौर आदि उपस्थित रहे।

 

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