राज्य मंत्रिमंडल विस्तार को मुख्यमंत्री पर निर्णय करने की छूट के बाद हरी झंडी
कोर ग्रुप की बैठक में निष्कासित चैंपियन की वापसी, सहित अनुशानहीनता पर चर्चा
सूबे की नौकरशाही की मनमानी और कार्यकर्ताओं को तवज्जो न दिए जाने का भी उठा मुद्दा
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में विवादित विधायकों के मुद्दों पर भी चर्चा के अलावा, पिछले तीन माह के कार्यक्रमों की समीक्षा, कोर कमेटी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए अगले तीन माह के कार्यक्रम तय किए जबकि विधानसभा चुनाव के लिहाज से पार्टी को दिशा निर्देश दिए गए। वहीं भाजपा की सोशल मीडिया टीम की निष्क्रियता सहित कई और पार्टी के अंदरूनी मामलों पर भी चर्चा हुई, जिन्हे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं सूबे की नौकरशाही की मनमानी और कार्यकर्ताओं को तवज्जो न दिए जाने से पार्टी कार्यकर्ताओं के ख़फ़ा होने के मुद्दे पर भाजपा ने प्रत्येक जिले में पार्टी जिलाध्यक्ष की अगुआई में कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है। इस कमेटी में भाजपा के चार वरिष्ठ कार्यकर्त्ता सदस्य होंगे, जबकि विधायक नामित सदस्य के रूप में कमेटी में रहेंगे।
भाजपा कोर कमेटी इस बैठक संगठन के लिए उत्तराखंड में वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी ने अपनी रणनीति तय की है। वहीं कोर कमेटी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के फीड बैक के आधार पर कई और निर्णय भी लिए हैं, जिनमें राज्य मंत्रिमंडल विस्तार को मुख्यमंत्री पर निर्णय करने की छूट के बाद हरी झंडी दे दी गई है , जबकि प्रदेश में भाजपा और मोर्चों की कार्यकारिणी का गठन 31 अगस्त तक किए जाने का निर्णय , वहीं प्रदेश की नगर निकायों में नामित सदस्यों पर भी निर्णय लिया गया है पार्टी प्रदेश की 70 नगर निकायों में 20 प्रतिशत सदस्य करेगी नामित, वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि अब हर महीने होगी कोर कमेटी की बैठक जिसमें शिव प्रकाश और श्याम जाजू अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे, बैठक में प्रदेश कार्यसमिति के 105 सदस्यों के मनोनयन का मामला भी उठा जिसपर निर्णय लिया गया है कि इसी माह पार्टी कार्यसमिति के सदस्यों का मनोनयन करेगी, जबकि पार्टी की कोर कमेटी ने कहा है कि अब कार्यकर्ता सांगठनिक गतिविधियों पर दें जोर और पार्टी व सरकार की नीतियों और सरकार के कार्यों को गांव-गांव तक पहुँचाने की कोशिश करेंगे।
वहीं पार्टी की कोर ग्रुप की बैठक में चारों विवादित विधायकों का मुद्दा भी उठा जिस पर सदस्यों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे विधायकों की हरकतों की वजह से पार्टी और सरकार की छवि कहीं न कहीं जरूर प्रभावित हो रही है। उन्होंने विधायकों को कड़ा संदेश देने पर जोर दिया। ताकि अनुशासन हीनता कर रहे विधायकों सहित पार्टी कार्यकर्ताओं तक कठोर सन्देश जाए कि पार्टी ऐसे लोगों के प्रति नरम रुख नहीं अपना सकती।