PITHORAGARH

ट्रैकिंग पर गए देशी-विदेशी चार सौ पर्यटक मिलम ग्लेशियर के बेस कैंप में फंसे

मार्ग की मरम्मत में दो से तीन दिन का समय लगेगा : जिला प्रशासन 

पिथौरागढ़ : पहाड़ों में हो रही बारिश मैदानों के लिए भले राहत लेकर आया हो, लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में यह आफत का सबब भी बना। विशेषकर कुमाऊं में मौसम के मिजाज से जन-जीवन अस्त-व्यस्त रहा।

पिथौरागढ़ के मुनस्यारी क्षेत्र में मिलम ग्लेशियर जाने वाले मार्ग में पुल बहने से बेस कैंप में तीन सौ से चार सौ पर्यटकों के फंसे होने की सूचना है। इसके अलावा धारचूला और नैनीताल में जबरदस्त बारिश से पहाड़ी नदियां और नाले उफान पर आ गए और मलबा घरों में घुस गया।

बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में भी बारिश हुई, जबकि हेमकुंड साहिब क्षेत्र में बर्फबारी हुई है। हालांकि चार धाम में यात्रा सुचारु है। मौसम विभाग के अनुसार अगले चौबीस घंटे में भी प्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।

कुमाऊं के ज्यादातर हिस्से में जबरदस्त बारिश ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दीं। मुनस्यारी से मिलम ग्लेशियर को जाने वाला पैदल मार्ग स्यूनी गांव के पास क्षतिग्रस्त हो गया है। इस पर ग्रामीण पेड़ की डाल के सहारे आवाजाही कर रहे हैं।

ग्लेशियर के नंदा देवी बेस कैंप में ट्रैकिंग पर गए देशी-विदेशी पर्यटक हैं। प्रशासन के अनुसार मार्ग की मरम्मत में दो से तीन दिन का समय लग सकता है। इसके अलावा पिथौरागढ़ जिले में आंधी के कारण गंगोलीहाट और बेरीनाग में बिजली की लाइन क्षतिग्रस्त होने से ये दोनों तहसील क्षेत्र अंधेरे में डूब गए। इसके अलावा इसी क्षेत्र में मकान की छत क्षतिग्रस्त होने से दो बच्चे घायल हो गए।

दूसरी ओर पहाड़ में मौसम के बदलाव का असर मैदानी क्षेत्रों में देखने को मिला। रुड़की, हरिद्वार और देहरादून के साथ ही तराई के ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान चार से पांच डिग्री सेल्सियस कम रहा। दून में अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री रिकार्ड किया गया, जो मंगलवार की तुलना में चार डिग्री कम है। हरिद्वार में सात और रुड़की करीब नौ डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई।

devbhoomimedia

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