किसानों की लगी लॉटरी, जानिए क्या-क्या हुआ सस्ता, खेती में घटेगी लागत
जीएसटी परिषद ने कृषि उपकरणों और ट्रैक्टरों पर जीएसटी दरों में कटौती का निर्णय लिया है। 12 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत होने से किसानों की लागत में कमी आएगी और मशीनीकरण को बढ़ावा मिलेगा।

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि जीएसटी सुधार सिर्फ दरों को तर्कसंगत (रैशनलाइज) करने के लिए नहीं हैं, बल्कि संरचनात्मक बदलाव भी हैं। उन्होंने बताया कि जीएसटी काउंसिल का यह फैसला पूरी सहमति से लिया गया है और सभी मंत्रियों ने दरों में बदलाव का समर्थन किया है।
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ज्यादातर मामलों में जीएसटी की दरें काफी कम कर दी गई हैं। खासकर किसानों, कृषि क्षेत्र और स्वास्थ्य से जुड़े उत्पादों पर टैक्स घटाया गया है। यह फैसला जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक के बाद लिया गया।
सरकार ने बड़े पैमाने पर अगली पीढ़ी (नेक्स्ट-जेन) के जीएसटी सुधारों का ऐलान किया है, ताकि आम जनता और विभिन्न सेक्टरों को राहत मिले। इन सुधारों का असर दैनिक जरूरत की चीजों, स्वास्थ्य सेवाओं, खेती-किसानी, शिक्षा, ऑटोमोबाइल और घरेलू उपकरणों पर दिखाई देगा।
बता दें कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के मुख्य स्लैबों की संख्या चार से घटकर दो करने के प्रस्ताव को जीएसटी परिषद की मंजूरी मिलने से खेती को नया जीवन मिला है। नए स्लैब के कारण अब किसानों की लागत में कमी आयेगी और खेती में मशीनीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने परिषद की 56वीं बैठक के बाद बताया कि खेती के काम में इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टर पर लगने वाले 12 प्रतिशत जीएसटी को कम करके पांच प्रतिशत के स्लैब में डाल दिया गया है। इससे ट्रैक्टर की कीमत कम हो जायेगी। यही नहीं ट्रैक्टर टायर और पुर्जों पर जो पहले 18 प्रतिशत जीएसटी लगता था उसे कम करके पांच प्रतिशत के स्लैब में डाल दिया गया है।
जीएसटी परिषद ने खेत की तैयारी में काम आने वाले उपकरणों के साथ साथ कटाई, थ्रेसिंग के लिए मशीनों पर लगने वाले 12 प्रतिशत से कम होकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। इससे कृषि, बागवानी और वानिकी में इस्तेमाल होने वाली मशीनें भी सस्ती हो जायेंगी। इस बैठक में टपक सिंचाई प्रणाली और छिड़कांव से होने वाली सिंचाई में काम आने वाले उपकरणों पर लगने वाला जीएसटी 12 प्रतिशत से कम होकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया गया।
इससे किसानों की सिंचाई पर आने वाली लागत कम हो जाएगी। सरकार के जैव कीटनाशक और सू्क्ष्म पोषक तत्वों पर लगने वाले 12 प्रतिशत जीएसटी से कम करके पांच प्रतिशत करने के प्रस्ताव पर परिषद ने मोहर लगा दी। इससे भी किसान की लागत कम होगी और किसान की जेब पर पड़ने वाला बोझ कम हो जाएगा।