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फेक न्यूज : वैक्सीन लोगों को बना रही बंदर

ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को लेकर रूस फैला रहा है फेक न्यूज़ !

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
नई दिल्ली : जहाँ विश्व के अधिकांश देश चीन पर कोरोना फैलाने का आरोप लगा रहे हैं तो वहीं अब रूस में एक घटिया कैंपेन चलाया जा रहा है ताकि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की तरफ से तैयार की जा रही वैक्सीन को गलत करार दिया जा सके। इसका मकसद वैक्सीन को लेकर लोगों में डर पैदा करना है। साथ ही, यह हास्यास्पद दावा किया जा रहा है कि इससे लोग बंदर बन जाएंगे क्योंकि इसमें चिपैंजी के वायरस का इस्तेमाल किया जा रहा है।
तस्वीर और वीडियो क्लिप्स में ऐसा बताया जा रहा है कि कोई भी वैक्सीन जिसे ब्रिटेन में तैयार गई है वह खतरनाक हो सकती है, इसे रूस में सोशल मीडिया पर जमकर सर्कुलट किया जा रहा है।
कुछ तस्वीरें और वीडियो रूस के टीवी प्रोग्राम वेस्ती न्यूज पर दिखाया गया है, जिसे बीबीसी के न्यूज नाइट के बराबर का समझा जाता है। एक तस्वीर में ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन डाउनिंग स्ट्रीट में टहल रहे हैं, लेकिन, इसमें उन्हें येति की तरह बनाने के लिए उसमें छेड़छाड़ किया गया है। इस तस्वीर का कैप्शन है- ‘मुझे अपना बड़ा पांव वैक्सीन पसंद है।’
एक अन्य तस्वीर में यह दिख रहा है कि एक चिंपैंन्जी एस्ट्राजेनेका दवा कंपनी के लैब कोट में है, जो यह वैक्सीन तैयार कर ही है, और सीरिंज हाथ में लिए हुए है। अमेरिका के सैम की एक अन्य तस्वीर में इस संदेश के साथ हैं- मैं चाहता हूं कि आप यह बंदर वाली वैक्सीन लगाएं।
इस कैंपेन का मकसद पूरी तरह से ऑक्सफोर्ड के वैक्सीन प्रोग्राम को चोट पहुंचाने का लग रहा है। जिसकी एक बड़ी वजह ये है कि रूस जिन देशों में अपनी वैक्सीन स्कूतनिक-V को बेचना चाहता है, वहां पर इसका ब्रिक्री को प्रभावित किया जाए।
यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड में पेडिएट्रिक एंड इम्युनिटी के प्रोफेसर पोल्लार्ड ने बीबीसी रेडियो के कार्यक्रम में कहा- इस संदर्भ में हम हम इस समय, किसी भी गलत सूचना, जहां हम एक हस्तक्षेप के बारे में सोचने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे हम भविष्य में महामारी की मदद करने के लिए कर सकते हैं, चाहे वे उपचार हों या टीका, कुछ भी ऐसा हो सकता है जो बेहद खतरनाक हो।

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