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आस्था : विधि विधान के साथ खुले केदारनाथ धाम के कपाट, श्रद्धालुओं के जयकारों से गूंज उठा धाम

आस्था : विधि विधान के साथ खुले केदारनाथ धाम के कपाट, श्रद्धालुओं के जयकारों से गूंज उठा धाम

रुद्रप्रयाग: आज तय तिथि के अनुसार श्री केदारनाथ धाम जी के कपाट श्रद्धालुओं के लिए विधि विधान से खोल दिए गए हैं। मंदिर के कपाट मंगलवार सुबह खुल गए। इस दौरान करीब 8 हजार से ज्यादा श्रद्धालु मौके पर मौजूद रहे। केदार घाटी हर हर महादेव के जयकारों से गूंज उठी। इस खास मौके पर मंदिर परिसर को 20 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया गया।

11 ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ के कपाट खुले।
स्थान रुद्रप्रयाग।
11 ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दी गई आज सुबह शुभ मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चारण और परंपरा अनुसार केदारनाथ की रावल भीमाशंकर लिंग की उपस्थिति में विश्व प्रसिद्ध तीर्थ धाम भगवान केदारनाथ के कपाट खोल दिए गए इस अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने जय भोले बम भोले की नारों से पूरी केदार पूरी हो भक्तिमय कर दिया।

आपसे ग्रीष्म काल की 6 माह भगवान केदारनाथ की पूजा अर्चना धाम में होगी। इस अवसर पर सुबह के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी बाबा के दर्शन किए उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की भगवान केदारनाथ की दर्शनों के लिए आए इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक शैलारानी रावत मौजूद रही।

कपाटोद्घाटन के शुभ अवसर पर केदारनाथ मंदिर को 35 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। करीब आठ हजार श्रद्धालु कपाटोद्घाटन की पावन बेला के साक्षी बने। सुबह पांच बजे से ही कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ-साथ बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान होकर रावल निवास से मंदिर परिसर में पहुंची।

रावल ने भक्तों को आशीर्वाद दिया। इसके बाद रावल एवं श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी में प्रशासन की ओर से मंदिर के कपाट खोले गए। कपाट खुलते ही धाम महादेव के जयकारों से गूंज उठा। इसके बाद मुख्य पुजारी शिवलिंग ने गर्भ गृह में भगवान केदारनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की। इसके बाद ग्रीष्मकाल के लिए केदारनाथ के दर्शन शुरू हो गए।

आपको बता दें की मंत्रोच्चारण और आर्मी बैंड की मधुर धुनों के साथ भगवान केदारनाथ के कपाट सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर खोले गए है। केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी जगद्गुरु रावल भीम शंकर लिंग शिवाचार्य ने कपाट खोले, मंदिर के कपाट खुलने के बाद से अब श्रद्धालुओं द्वारा केदारधाम के दर्शन किए जा रहें हैं।

आपको बता दें कि भारी बर्फबारी व बारिश के चलते फिलहाल केदारनाथ धाम के श्रद्धालुओं हेतु पंजीकरण प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया गया है। मौसम साफ होने के बाद ही पंजीकरण प्रक्रिया को खोला जाएगा। केदारनाथ धाम जी के कपाट खुलने के बाद से पूरे प्रदेश में खुशी की लहर है। वही सोशल मीडिया पर भी तमाम नेताओं से लेकर आम जनमानस भी सभी को कपाट खुलने की बधाई प्रेषित कर रहे हैं।

तापमान माइनस 6 डिग्री के आसपास है। इसके बाद भी सुबह 4 बजे से मंदिर के बाहर दर्शन के लिए लंबी कतारें देखी गईं। मंदिर के मुख्य पुजारी जगद्गुरु रावल भीम शंकर लिंग शिवाचार्य ने मंदिर के कपाट खोले।
मंदिर को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। कपाटोद्घाटन का साक्षी बनने के लिए सात हजार से अधिक तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंचे हैं।

वहीं, बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली यात्रा भी सोमवार दोपहर सेना की 6-ग्रेनेडियर रेजिमेंट की बैंड धुनों के बीच गौरीकुंड से केदारनाथ धाम पहुंच गई। सरकार ने हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा कराकर धाम में डोली यात्रा का स्वागत किया। बीते एक सप्ताह से लगातार बर्फबारी के चलते धाम में दो से ढाई फीट बर्फ जमी हुई है।

सोमवार को भी रुक-रुककर हल्की बर्फबारी होती रही। पैदल मार्ग के पांच किमी हिस्से में लिनचोली से केदारनाथ के बीच भी बर्फ जमी हुई है और भैरव गदेरा, लिनचोली व रुद्रा प्वाइंट में हिमस्खलन का खतरा बना हुआ है।

कपाट खुलने के साथ ही मंगलवार सुबह से केदारनाथ के लिए हेली सेवा शुरू हो जाएगी। उत्तराखंड सरकार ने केदारनाथ के पैदल रास्ते में भारी बर्फबारी और मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए केदारनाथ धाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का रजिस्ट्रेशन 30 अप्रैल तक रोक दिया है। भारतीय मौसम विभाग ने केदारनाथ धाम मार्ग और धाम में भारी बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है। केदारघाटी में अगले एक हफ्ते तक मौसम खराब रहने का अनुमान है।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और पुलिस अधीक्षक डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे धाम में कैंप किए हुए हैं। मौसम के मिजाज के चलते केदारनाथ यात्रा में चुनौतियां कम नहीं हैं। यहां मौसम आए दिन करवट बदल रहा है।

बता दें कि बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को सुबह 6:10 बजे खोले जाएंगे।

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