Uttarakhand

ऐसे विद्यालयों में पढ़ने को मजबूर छात्र तो कैसी शिक्षा की होगी उम्मीद !

  • बारिश में टपक रही छत, दांव पर छात्रों का भविष्य 
  • हादसे का इंतजार कर रहा प्रशासन 
देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून । रुद्रप्रयाग जिले के प्राथमिक विद्यालय बक्सीर का यह एक विद्यालय है जहाँ  छोटे-छोटे नौनिहाल रोज़ पढ़ने को आते हैं  जहाँ उनका भविष्य दांव पर लगा है। स्थिति यह है कि स्कूल भवन की दीवारों से सीमेंट पूरी तरह से उखड़ चुका है तो बारिश के समय छत से पानी टपकना आम बात हो गयी है। ऐसे में विद्यालय भवन कभी भी धराशायी हो सकता है और बच्चों की जान ले सकता है, बावजूद इसके प्रशासन कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है। ग्रामीणों की माने तो प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है। 
दरअसल, विकासखण्ड जखोली के अन्तर्गत बक्सीर क्षेत्र के नौनिहालों को शिक्षा से जोड़ने के लिए वर्ष 2000 में रा.प्रा विद्यालय भवन का निर्माण किया गया और छात्रों का पठन-पाठन शुरू करवाया गया। इसके बाद गांव की संख्या बढ़ने के बाद स्कूल में भी बच्चों की संख्या बढ़ती गयी है। आज विद्यालय में चालीस से पचास के करीब बच्चे अध्ययन कर रहे हैं और दो अध्यापकों को छात्रों के पठन-पाठन की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
प्रधान संगठन के उपाध्यक्ष नवीन सेमवाल ने कहा कि प्रावि बक्सीर की सुध लेने वाला कोई नहीं है। कई बार शासन से लेकर प्रशासन स्तर तक मामले को उठाया गया है। यहां तक कि शिक्षा विभाग के दरवाजे खटखटाते पांव थक गये हैं, मगर विभाग है कि कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि निर्माण के बाद से आज तक स्कूल पर एक पैंसा भी खर्च नहीं किया गया है। स्कूल की मरम्मत को लेकर भी कभी ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में स्कूल अब खण्डहर में तब्दील हो गया है।
उन्होंने कहा कि विद्यालय की छत से पानी टपक रहा है तो दीवारों से सीमेंट पूरी तरह से उखड़ गया है। ऐसे में कब कोई बड़ा हादसा हो जाय, यह कहा नहीं जा सकता है। प्रधान नवीन सेमवाल ने कहा कि दूर-दूराज गांवों से छोटे-छोटे नौनिहाल पढ़ने के लिए आते हैं और जान को खतरे में रखकर नौनिहालों को पठन-पाठन करना पड़ता है। स्कूल की दयनीय स्थिति को सुधारने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
कहा कि जनपद का सबसे पिछड़ा क्षेत्र बक्सीर-बांगर की सुध लेने वाला कोई नहीं है। वोट के दौरान जनप्रतिनिधि जनता को दर्शन देते हैं औ चुनाव जीत जाने के बाद अपनी शक्ल भी नहीं दिखाते। यहां तक कि समस्या ले जाने पर भी कोई जवाब नहीं दिया जाता है। बांगर क्षेत्र की जनता को सिर्फ वोट बैंक की राजनीति तक सीमित रखा गया है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जल्द ही विद्यालय का नवनिर्माण नहीं कराया गया तो क्षेत्रीय जनता प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर हो जायेगी। वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि छात्रों के भविष्य को देखते हुए विद्यालय का निर्माण करवाया जायेगा। जल्द ही स्टीमेट तैयार कर कार्रवाई की जायेगी। 

devbhoomimedia

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