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आठ साल में सबका बुरा हाल: क्राइम, क्रप्शन और कास्ट में सभी रिकार्ड टूटे: अशोक बुवानीवाला

देवभूमी मीडिया  ब्यूरो  – हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अशोक बुवानीवाला ने भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहरलाल राज को हरियाणा विरोधी तीन जातियों के भाजपाई  का लूट राज बताया जिसमें सत्ता की सारी मलाई केवल तीन जातियों के संघीयों ने खाई बाकी 36 बिरादरी को विगत आठ सालों में जुमलों, भेदभाव व धोखेबाजी के अलावा कुछ नही मिला। काग्रेस नेता ने कहा कि हरियाणा के 56 साल के राजनीतिक इतिहास में कभी भी भाजपा खट्टर जैसी किसान विरोधी सरकार नही आई जिसके राज में किसानों पर बार-बार लाठिया बरसाई गई।ॉ

हरियाणा के विगत आठ सालों में  बैंक कृषि बोझ व खेतों में फसलों की बर्बादी के चलते 93 से ज्यादा लोगों ने क्या तो आत्महत्या की या हार्ट फेल से खेतों में की जान गवां दी। 50 से ज्यादा लोगों ने कृषि बोझ के चलते प्रदेश में किसानों ने आत्महत्या की। भाजपा राज के अलावा कभी नही ऐसा नही हुआ। विगत 8 सालों में हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार ने चार बड़े नहरसंहार से 82 लोगों को पुलिस की गोलियों से भुनवाया।

 

 बुवानीवाला ने कहा कि किसी भी सरकार के दौरान कभी भी सडकों पर हुए आंदोलन के कारण कभी भी 82 लोगों की जाने पुलिस गोलियों से नही गई। यह कारनामा भी मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के नाम है। भाजपा राज में पिछडे, दलित को सत्ता व प्रशासन में भागीदारी के जुमले तो उछाले गए, लेकिन सत्ता के उच्च पदों, महत्वपूर्ण प्रशासनिक पोस्टों पर केवल तीन जातियों के संघीयां का कब्जा रहा। पिछडे वर्ग से मनोहरलाल खट्टर इतना द्वेष रखते है कि आरक्षण के लिए केन्द्र में क्रीमीलेयर सीमा 8 लाख रूपये है, पर हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार ने उसे घटाकर 6 लाख रूपये वार्षिक कर दिया।

भाजपा सरकार ने पांच सदस्यों को जो हरियाणा पिछडा वर्ग आयोग बनाया है, उसके चार सदस्य अगड़े वर्ग के है और केवल एक सदस्य ही पिछडे वर्ग ब्लॉक ए से है जबकि पिछडा वर्ग ब्लॉक बी को इसमें कोई भागीदारी नही दी। वरिष्ठ कांगेस नेता ने आगे कहा कि भाजपा कल तक कहती थी कि विगत कांग्रेस-हुड्डा सरकार में सरकारी नौकरी नाममात्र की मिली है, लेकिन अब भाजपा ने खुद स्वीकारा है कि कांग्रेस के साढ़े नौ साल के राज में 86 हजार सरकारी नौकरियां दी गई और भाजपा के 8 साल के राज में 98 हजार सरकारी नौकरियां दी गई।

 

 

बुवानीवाला ने कहा कि भाजपा का दावा है कि खट्टर के 8 साल के राज में 1.60 लाख उद्योग लगे जिसमे 12.60 लाख युवाओं को रोजगार मिला, पर उक्त 1.60 लाख उद्योग कहां लगे है, हरियाणा की धरती पर कहीं दिखता नही। यदि भाजपा-संघ ने यह उद्योग आसमान में लगाये हो तो पता नही। वहीं भाजपा खट्टर राज में उद्योग में 12.60 लाख नौकरियां किन्हे और कहां मिली, कोई नही जानता। कांग्रेस राज में जहां हरियाणा देशभर के युवाओं को रोजगार देने वाला पहला राज्य था, आज खट्टर राज में बेरोजगारी में नम्बर वन राज्य है। भाजपा खटटर राज के विकास के दावे कितने खोखले व हवा-हवाई है, यह इसी से पता चलता है कि अहीरवाल में कांग्रेस राज के शुरू किय निर्माण प्रोजेक्ट भी भाजपा सरकार 8 साल में पूरा नही करवा पाई है।

प्रदेश के औद्योगिक नगर गुरूग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, धारूहेडा, बावल में नये उद्योग लगने से दूर, लगे हुए उद्योग भी पलायन कर गए। काग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा खट्टर राज में जितने घोटाले हुए, उतने कभी नही हुए। दर्जनों घोटालों को लीलापोती करके दबा लिया गया। प्रदेश में संघीयों की दौलत बढी है, वहीं आमजन, किसान, मजदूर, कर्मचारी, छोटे दुकानदार, व्यापारी की आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो रही है। भाजपा खट्टर राज के विगत 8 साल आम हरियाणावासियों के लिए विनाशकारी रहा। भाजपा खट्टर राज हर क्षेत्र में असफल रहा जिसमें लूट, भ्रष्टाचार, घोटाले हुए व कानून व्यवस्थाा बदतर हुई और विकास के नाम पर केवल जुमले परोसे गए।

 

 

बुवानीवाला ने कहा कि गहन विषमता, कमरतोड़ महंगाई, बिगड़ती कानून-व्यवस्था, बेशुमार कर्जा, आर्थिक मंदी, लचर स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा का गिरता स्तर, व्यापक भ्रष्टाचार, सामाजिक तनाव, भयंकर अपराध, महिलाओं दलितों व कमजोर वर्गों की असुरक्षा, प्रदूषण जैसी अनेकों समस्याओं और चुनौतियों का सामना कर रहा है। इस सरकार ने प्रदेश को ढाई लाख करोड़ के कर्ज तले दबा दिया है। सरकारी खजाना खाली हो रहा है और खनन, शराब, रजिस्ट्री, धान व बिजली मीटर जैसे घोटाले करके सरकारी राजस्व का पैसा घोटालेबाजों की जेब में डाला जा रहा है। प्रदेश का ऐसा कोई तबका नहीं है जो अपने आप को ठगा-सा महसूस ना कर रहा हो। हमनें 5स् शिक्षा के क्षेत्रों प्राइमरी स्कूलों की संख्या में कम कर दि है।

केंद्र शासित क्षेत्रों में चंडीगढ़ पहले, दिल्ली दूसरे, पुड्डुचेरी तीसरे, दमन व दीव चौथे, दादर व नगर हवेली पांचवें, अंडमान निकोबार द्वीप समूह छठे और लक्षद्वीप सातवें नंबर पर है। रिपोर्ट के अनुसार आठवें नम्बर पर हरियाणा, असम और उत्तर प्रदेश ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में अपने प्रदर्शन में तेजी से सुधार किया है। वहीं, 20 बड़े राज्यों में केरल प्रथम स्थान पर काबिज है जबकि तमिलनाडु दूसरे, हरियाणा तीसरे और झारखंड अंतिम पायदान पर है।

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