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देश का प्रत्येक सांसद और विधायक राष्ट्र के आदर्शों,आशाओं और विश्वास का है अभिरक्षक : लोकसभा अध्यक्ष

लोकतंत्र के प्रति जितना लोगों का विश्वास बढ़ा है, उतनी ही जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी भी बढ़ी : ओम विरला 

“विधायिका सदस्यों की क्षमता और विधायी कार्यों की ओर उनका ध्यान बढ़ाना संसदीय लोकतन्त्र की सफलता के लिए अति महत्वपूर्ण”: उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

लखनऊ : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उत्तर प्रदेश विधान सभा कक्ष, लखनऊ मे राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन का उद्घाटन किया। तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद अग्रवाल ने भी प्रतिभाग किया साथ ही सदन में कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार भी रखे।

सम्मेलन के उद्घाटन सत्र पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री लालजी टंडन, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित ने अपने विचार रखे।

तीन दिवसीय सम्मेलन में पूर्ण सत्रों के दौरान (i) बजट प्रस्तावों की संवीक्षा के लिए जनप्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाना और (ii) जन प्रतिनिधियों का ध्यान विधायी कार्यों की ओर बढ़ाना, विषयों पर सदन के भीतर चर्चा की जानी है

इस अवसर पर श्री बिरला ने कहा कि जितना लोकतंत्र के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है, उतनी ही जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी भी बढ़ी है। असहमति एक लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति है किंतु इसे निश्चित मानदंडों के भीतर रहते हुए अभिव्यक्त किया जाना चाहिए“। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सांसद और विधायक राष्ट्र के आदर्शों,आशाओं और विश्वास का अभिरक्षक है।

लोकसभा अध्यक्ष ने इस अवसर पर दिसंबर 2019 में देहरादून में संपन्न हुई भारत के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के 79वें सम्मेलन के सफल आयोजन की भी सराहना की। साथ ही उन्होंने कहा कि उस सम्मेलन में संसद और विधान मंडलों की भूमिका को और विस्तृत और प्रभावी बनाने एवं जनप्रतिनिधियों की भागीदारी को और सशक्त करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण संकल्प पारित किए गए थे।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “व्यवधानों से न केवल लोकतान्त्रिक संस्थाओं कें कार्यकरण की निर्धारित प्रक्रिया अवरूद्ध होती है बल्कि लोकतंत्र की मूल भावना के प्रति लोगों की आस्था भी क्षीण होती है

इस अवसर पर उत्तराखंड विधान अध्यक्ष श्री प्रेम चंद अग्रवाल ने सदन में ‘विधायिका सदस्यों का ध्यान विधायी कार्यों की ओर बढ़ाना ‘ विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि विधायिका सदस्यों की क्षमता बढ़ाना और विधायी कार्यों की ओर उनका ध्यान बढ़ाना संसदीय लोकतन्त्र की सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है । पहली बार जनप्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित हुए सदस्यों को संसदीय प्रक्रियाओं, पद्धतियों, परिपाटियों, आचरण और परम्पराओं से परिचित कराने के लिए विधायी जानकारी दिया जाना बहुत जरूरी है । पारित किए जाने वाले क़ानूनों के बारे में ब्रीफिंग सत्र विधायी कार्यों की ओर जनप्रतिनिधियों का ध्यान बढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं । निरंतर बदल रही लोक नीति के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने की जनप्रतिनिधियों की योग्यता बहुत हद तक आधिकारिक और विश्वसनीय जानकारी की उपलब्धता पर निर्भर करती है ।

श्री अग्रवाल ने कहा कि संविधान ने विधानसभा के सदस्यों को अपने उत्तरदायित्व की पूर्ति हेतु वृहद अधिकार प्रदान किए हैं।उन्होंने कहा कि संविधान में अब तक 100 से अधिक संशोधन इस बात का घोतक है कि हमारे विधानमंडलों में विधान निर्माण की प्रक्रिया जीवन एवं संवेदनशील है।श्री अग्रवाल ने कहा कि आज सबसे बड़ी चुनौती विधानमंडल सदस्यों के विधि निर्माण के प्रति रुझान में आई कमी की है।उचित तैयारी के अभाव में विभिन्न विधेयकों जिनमें बजट भी सम्मिलित है पर चर्चा सतही रह गई है, सदस्य समिति की बैठकों में भी अनुपस्थित रहते हैं।श्री अग्रवाल ने कहा कि माननीय सदस्यों की रुचि बढ़ाने में राजनीतिक दलों की भी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है इसके लिए सभी संसदीय दलों के नेताओं द्वारा अपने सदस्यों को उचित मार्गदर्शन व वरिष्ठ सदस्यों के अनुभवों का लाभ लेते हुए विधायी कार्यों में प्रतिभागिता बढ़ाने हेतु प्रोत्साहित किया जा सकता है।

इससे पूर्व उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही लोकतांत्रिक मूल्य तथा संस्थायें सृदृढ़ रही है। यहाँ की परम्पराओं ने लोकतांत्रिक आदर्शो एवं प्रतिनिधिक संस्थाओं के प्रति निष्ठा बनाये रखी है।

इस अवसर पर राज्यसभा के उपसभापति श्री हरिवंश जी, उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति श्री रमेश यादव, उत्तर प्रदेश विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष श्री राम गोविंद चौधरी,विभिन्न राज्यों के विधानसभाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष विधान परिषदो के सभापति,उप सभापति एवं संसद सदस्य, उत्तर प्रदेश विधानमंडल के वर्तमान और पूर्व सदस्य तथा अन्य विशिष्ट लोग भी उदघाटन समारोह में शामिल हुए।

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