सबसे बड़ा सवाल : क्या विभागीय अधिकारी शिक्षा मंत्री के मुंह लगे ए. ई. के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाही कर पाएंगे ?
लाइजन ऑफीसर ने उत्तरकाशी के जिला शिक्षा अधिकारी से अभ्रदता ही नहीं की बल्कि उसे थप्पड़ तक मारने की दी थी धमकी
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : मंत्री से ज्यादा ताकवर दिखाने का खामियाज़ा प्रदेश सरकार ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के मुंह लगे लाइजन ऑफीसर सुरेंद्र पाल सिंह नेगी जो लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता के पद पर भी हैं, को उत्तरकाशी के जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा को थप्पड़ मारने की धमकी देने के आरोप में निलंबित कर दिया है। इतना ही नहीं मंत्री का यह लाइजन ऑफिसर अपने को इतना पावरफुल समझने लगा था कि बिना एनओसी मंत्री का लाइजन ऑफीसर तक बना बैठा। इसके निलंबन के आदेश सचिव लोनिवि की ओर से किए गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लोनिवि के इस सहायक अभियंता के खिलाफ जांच के आदेश होंगे, और आरोपों की जांच के बाद लाइजन ऑफिसर नेगी पर विभाग कठोर कार्रवाही कर सकता है। लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है जो सहायक अभियंता मंत्री से नज़दीकी का विभागीय अधिकारियों पर भौंकाल बनाकर अपनी नौकरी से अनुपस्थित चल रहा है क्या विभागीय अधिकारी उसके खिलाफ कोई कठोर कार्रवाही कर पाएंगे ?
गौरतलब हो कि लोनिवि के सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत सुरेंद्र पाल सिंह नेगी को उधमसिंह नगर जिले के मुख्य विकास अधिकारी ने वर्ष 2017 में शिक्षा मंत्री का गदरपुर विधानसभा के लिए लाइजन ऑफीसर बनाया था। उस दौरान उनकी तैनाती मूल रूप से लोनिवि के रुद्रपुर डिविजन में सहायक अभियंता के तौर पर थी लेकिन इस आदेश के बाद से सहायक अभियंता नेगी पूरी तरह लाइजन ऑफीसर के रूप में ही कार्य करने लगे। जबकि उन्हें लायजन अफसर बनने से पूर्व विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की अनिवार्यता थी जो उन्होने मंत्री के मुंह लगे होने के कारण नहीं ली।
ऊपर से लो निर्माण विभाग का भी क्या कहने उसे भी काफी समय गुजर जाने के बाद पता चला कि उसके विभाग का एक सहायक अभियंता शिक्षा मंत्री के साथ लाइजन ऑफिसर बन बैठा है वह भी तब ही विभाग को पता चला जब लाइजन अफसर के खिलाफ विभाग को शिकायतें मिलने लगी। लेकिन नेगी के रुतबे के आगे विभागीय अधिकारी नतमस्तक थे, लेकिन मामला बढ़ता देख खानापूरी के लिए विभागीय अधिकारियों ने नेगी का ट्रांसफर के लिए रुद्रपुर से लोनिवि के थराली डिविजन कर दिया। लेकिन नेगी ने वहां भी ज्वाइन नहीं किया और मंत्री के साथ कार्यरत रहते हुए विभाग को अपना भौंकाल दिखाता रहा।
इसी बीच 10 जुलाई को शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडेय के उत्तरकाशी दौरे के दौरान वह भी मंत्री के साथ उत्तरकाशी पहुंचे और उत्तरकाशी के जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक के साथ अभद्रता कर डाली। निलंबन आदेश में कहा गया है कि नेगी ने न केवल जिला शिक्षा अधिकारी से अभ्रदता की बल्कि थप्पड़ तक मारने की धमकी भी दी।
मामले में विभाग के पास जानकारी पहुँचने के बाद काफी समय बाद विभाग को पता चला कि उसका सहायक अभियंता तो उनके विभाग में कार्यरत तो है ही नहीं वह तो मंत्री का लाइजन अफसर बना हुआ है और उपर से जिला शिक्षा अधिकारी को धमका रहा है। इस मामले को विभागीय सचिव ने इसे सरकारी काम में बाधा डालने और कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन माना है और बिना सूचना के मुख्यालय छोड़ने को भी अनुशासनहीनता माना गया है। निलंबन आदेश में कहा गया है कि सहायक अभियंता एसएस नेगी के आचरण से सरकार की छवि धूमिल हो रही है और इसे देखते हुए उन्हें निलम्बित किया जाता है। निलम्बन अवधि में नेगी लोनिवि के गोपेश्वर खंड में अटैच रहेंगे।