30 अधिकारी भीमबली से आगे जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
गुप्तकाशी । केदारनाथ यात्रा की तैयारियों के बीच रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल 16 किमी पैदल चलकर पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर के साथ केदारनाथ पहुंचे। वहीं जिलाधिकारी के साथ गौरीकुंड से विभिन्न विभागों के 30 अधिकारी भी केदारनाथ के लिए रवाना हुए थे। लेकिन, वे भीमबली से आगे जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए और वापस लौट गए। हालांकि इस दौरान एसडीआरएफ (राज्य आपदा राहत बल) और डीडीआरएफ (जिला आपदा राहत बल) के आठ जवान डीएम के साथ केदारनाथ पहुंचे। इस बीच जिलाधिकारी के साथ चल रहे लोगों ने दस किमी का सफर उन्होंने नौ फीट बर्फ के बीच तय किया। बाकी मार्ग में उन्हें एक से तीन फीट बर्फ में पैदल चलना पड़ा। इस दौरान डीएम ने पैदल मार्ग के साथ ही केदारनाथ में बर्फ से हुए नुकसान का भी जायजा लिया और यात्रा से जुड़े विभागों को अप्रैल प्रथम सप्ताह तक यात्रा व्यवस्थाएं बहाल करने के निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल और पुलिस अधीक्षक नवनीत भुल्लर समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी शनिवार को केदारनाथ के लिए रवाना हुए थे। पहले दिन उन्होंने लिनचोली में रात्रि विश्राम किया और रविवार को केदारनाथ पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने दस किमी का सफर चार से लेकर नौ फीट बर्फ के ऊपर चलकर किया।धाम और पैदल मार्ग का निरीक्षण करने के बाद रविवार को ही वह गौरीकुंड लौट आए।
जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग ने बताया कि अधिशासी अभियंता जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को गौरीकुंड में कार्यरत मजदूरों और यात्रियों के लिए अलग-अलग 12-12 शौचालय बनाने और गौरीकुंड से भीमबली के बीच प्रत्येक 300 मीटर पर कंपोस्ट पिट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा जल संस्थान को पेयजल लाइन, स्टैंड पोस्ट और नल की टोंटियों को दुरुस्त करने और ऊर्जा निगम को क्षतिग्रस्त विद्युत लाइन की मरम्मत और खराब तार बदलने को कहा गया है। उन्होंने जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी को 20 फरवरी से यात्रा मार्ग पर डीडीआरएफ के 44 और यात्रा व्यवस्था देखने वाले 26 जवान तैनात करने के निर्देश भी दिए गए हैं।