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अंकिता भंडारी को इंसाफ दिलाने में धामी सरकार की सख्त कार्रवाई और निर्णायक फैसले लाए रंग, जानिए….

अंकिता भंडारी को इंसाफ दिलाने में धामी सरकार की सख्त कार्रवाई और निर्णायक फैसले लाए रंग, जानिए….

देहरादून।

भले सरकार को लेकर विपक्षी लगातार आरोप लगाते रहें लेकिन धामी सरकार की कोशिशो और फैसलों के चलते आज बेटी अंकिता भंडारी को न्याय मिलने जा रहा है।

धामी सरकार ने सख्त रुख दिखाते हुए अंकिता की हत्या के बाद आरोपियों को 24 घंटे के अंदर जेल भेजा गया और अभी तक वह सलाखों के पीछे हैं।

अंकिता भंडारी हत्या मामले में जांच के लिए किया गया SIT का गठन

अंकिता हत्याकांड के आरोपियों पर गैंगस्टर अधिनियम के तहत भी हुआ केस दर्ज

धामी सरकार द्वारा अंकिता भंडारी के परिवार को दी गई ₹25 लाख की आर्थिक मदद

अंकिता हत्याकांड मामले में 500 पन्नों की चार्ज शीट हुई तैयार 100 गवाहों के बयान भी किए गए शामिल

तीनों आरोपियों पर हुए आरोप तय, जल्द ही कोर्ट सुनाएगा सजा

अंकिता के परिजनों की मांग पर 3 बार बदले गए सरकारी वकील

दिवंगत बेटी अंकिता के भाई और उसके पिता को दी गई सरकारी नौकरी

उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में दो वर्षों से अधिक समय तक चली न्यायिक प्रक्रिया आज कोर्ट ने अपना निर्णायक फैसला सुना दिया है। कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत ने इस पर फैसला सुना दिया है।

अंकिता हत्याकांड में लगभग 26 माह तक चली सुनवाई के बाद शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने तीनों आरोपितों रिसार्ट स्वामी पुलकित आर्य, रिसार्ट प्रबंधक सौरभभाष्कर व सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता उर्फ पुलकित को हत्या का दोषी माना है।

तीनों पर युवती की हत्या, अपराध के साक्ष्य गायब करने व अनैतिक देह व्यापार (निवारण) अधिनियम के तहत आरोप थे। पुलकित आर्य इस समय अल्मोड़ा, अंकित देहरादून व सौरभटिहरी जेल में बंद है। आपको बता दें कि अंकिता के परिजनों से लेकर हर प्रदेशवासियों और सभी राजनीतिक दलों की भी निगाहे कोर्ट के इस फैसले पर टिकी हुई थी।

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