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सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बावजूद लंबित दल बदल याचिका पर सवाल, कोटद्वार में स्पीकर की विधानसभा में युवा शक्ति रथ भरेगा हुंकार

🔹 युवा शक्ति आंदोलन अब सीधा स्पीकर की विधानसभा कोटद्वार को निशाना बनाएगा और वहीं से हुंकार भरने की तैयारी है।

🔹 आंदोलनकारी नेताओं ने साफ कहा है कि अगर दल-बदल याचिकाओं पर समयबद्ध फैसला नहीं हुआ, तो इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ खिलवाड़ माना जाएगा।

🔹 युवा नेता बॉबी पंवार ने इस बार न सिर्फ स्पीकर बल्कि कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि दल-बदल को लेकर दोनों ही राजनीतिक दल दोहरे मापदंड अपना रहे हैं।

🔹 इसी कड़ी में खानपुर विधायक उमेश की सदस्यता समाप्त करने की भी मांग तेज हो गई है। 👉 कुल मिलाकर, मामला सिर्फ एक विधायक तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह विधानसभा की साख, स्पीकर की निष्पक्षता और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की पारदर्शिता पर सीधा सवाल खड़ा करता है।

अनीता राजेंद्र जोशी ,देहरादून। बेरोजगार आंदोलन की अपार सफलता के बाद उत्तराखंड की युवा शक्ति अब नए मुद्दे को लेकर मैदान में उतर आई है। पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच समेत प्रमुख मांगें मनवाने के बाद आंदोलित युवाओं ने अब विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को घेरने की तैयारी कर ली है।

स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष व बेरोजगार संघ के पूर्व अध्यक्ष बॉबी पंवार ने स्पीकर को पत्र लिखकर खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार की सदस्यता पर दल बदल कानून के तहत लंबित याचिका पर जल्द निर्णय लेने की मांग की है।

🔴 बॉबी पंवार का आरोप

  • लोकतंत्र संविधान से चलता है, न कि व्यक्तिगत पसंद-नापसंद से।

  • मई 2022 से दायर याचिका पर अब तक कोई फैसला न होना लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ है।

  • सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणियों के बावजूद स्पीकर ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

🔴 स्वाभिमान मोर्चा की चेतावनी

संगठन ने पत्र में कहा कि यदि किसी व्यक्तिगत कारण से फैसला लंबित है तो विधानसभा अध्यक्ष को जनता के सामने स्पष्ट करना चाहिए। अन्यथा यह संविधान और लोकतंत्र के लिए गलत उदाहरण बनेगा। मोर्चा ने साफ चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्यवाही नहीं हुई तो युवा शक्ति का रथ अब कोटद्वार विधानसभा की ओर मोड़ा जाएगा।

🔴 राजनीतिक हलचल

मार्च 2022 में निर्दलीय जीतने के बाद उमेश कुमार के दल में शामिल होने की खबरें खूब चर्चा में रही थीं। इसके बाद कई याचिकाएं विधानसभा में दाखिल हुईं, लेकिन 3 साल बाद भी निर्णय लंबित है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि स्पीकर पर किसी तरह का दबाव है।

इधर, कांग्रेस नेता भी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत कई बार उमेश कुमार पर अन्य मामलों में निशाना साध चुके हैं, लेकिन उनकी बेटी अनुपमा रावत समेत बड़े नेता इस मुद्दे पर खामोश हैं।

🔴 अगला पड़ाव – कोटद्वार

बॉबी पंवार ने इस मसले पर लीड लेते हुए स्पीकर की विधानसभा कोटद्वार में आंदोलन का ऐलान कर हलचल मचा दी है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणियों और युवा शक्ति की चेतावनी के बाद स्पीकर ऋतु खंडूड़ी कब तक इस फैसले को टाल पाती हैं।

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