काठगोदाम-देहरादून जन शताब्दी काशीपुर-बाजपुर होकर चलाने की उठी मांग
- अधिक इलाके मार्ग से जुड़ने से जहाँ लोगों को मिलेगा लाभ वहीँ रेलवे को होगा फायदा
DEHRADUN : राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के प्रयासों से काठगोदाम से देहरादून तक चलायी जाने को प्रस्तावित जनशताब्दी ट्रेन को काशीपुर, बाजपुर होकर चलाये जाने की मांग उठने लगी है। मांग उठाने वालों ने इसके पीछे तर्क देते हुए कहा है कि इससे उत्तराखंड के अधिक लोगों को इसका लाभ मिलेगा तथा रेलवे को भी लाभ होगा वहीँ ट्रेन के लेट होने की संभावनायें भी कम होंगी।
प्रतिष्ठित समाज सेवी संस्था मौलाना अबुल कलाम आजाद अल्पसंख्यक कल्याण समिति (माकाक्स) के केन्द्रीय अध्यक्ष तथा 8 वर्षों तक पूर्वात्तर रेलवे की स्टेशन परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे नदीम उद्दीन एडवोकेट ने रेल मंत्री, पूर्वात्तर रेलवे तथा उत्तर रेलवे के महाप्रबंधको से काठगोदाम से देहरादून तक प्रस्तावित जनशताब्दी ट्रेन को वाया रामपुर के स्थान पर काशीपुर बाजपुर होते हुये चलाये जाने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे उत्तराखंड की जनता तथा रेलवे दोनों को लाभ होगा।
श्री नदीम ने रेल मंत्री व अधिकारियों को अवगत कराया है कि काशीपुर-बाजपुर वासियों के लिये उत्तराखंड बनने के 18 वर्ष बाद तक की राजधानी देहरादून तक जाने के लिये कोई ट्रेन नहीं है। इसके अतिरिक्त इस रास्ते से ट्रेन चलाने से इसका लाभ कार्बेट पार्क आने वाले पर्यटकों, रामनगर के रास्ते पर्वतीय क्षेत्रों को आने जाने वाले उत्तराखंड वासी भी उठा सकेंगे। जहां तक रूद्रपुर वासियों का प्रश्न है उन्हें सिडकुल हाल्ट से बैठने की सुविधा देकर उन्हें भी इसका लाभ मिल सकेगा। इसके अतिरिक्त इससे काशीपुर-बाजपुर वासियों को काठगोदाम के लिये सीधी एक्सप्रेस ट्रेन की कमी भी पूरी हो जायेगी।
श्री नदीम ने बताया कि रामपुर के रास्ते ट्रेन जाने से मुरादाबाद-रामपुर खण्ड पर अत्याधिक रेल यातायात होने के कारण इसके लेट होने की अधिक संभावना रहेगी जिससे इस ट्रेन का महत्व ही समाप्त हो जायेगा जबकि लालकुआं-काशीपुर तथा काशीपुर-मुरादाबाद खण्ड पर रेल यातायात कम रहता है इस कारण रेलवे को भी इससे खासी सुविधा होगी।
श्री नदीम ने कहा कि रेलवे को इस ट्रेन को रामपुर के रास्ते चलाकर रेलवे तथा उत्तराखंड के यात्रियों की अनदेखी नहीं करनी चाहिये बल्कि इसका लाभ उत्तराखंड वासियों व पर्यटकांं को अधिक से अधिक दिलाने तथा रामपुर-मुरादाबाद रेल खण्ड पर अतिरिक्त ट्रेन बढ़ाने के स्थान पर इसे काशीपुर-बाजपुर के रास्ते चलाकर इसे सभी के लिये अधिक लाभदायक बनाया जाना चाहिये।