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कुपोषण मुक्ति अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर 20 बच्चों को मिली गोद

‘‘कुपोषण मुक्ति हेतु गोद अभियान’’ की हुई शुरूआत
मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायकों, अधिकारियों, उद्योगपतियों व अन्य समाजसेवियों द्वारा लिया जायेगा गोद
उद्योगपति राकेश ओबराय ने अपनी संस्थाओं के माध्यम से 100 कुपोषित बच्चों को लिया गोद
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । उत्तराखण्ड में कुपोषण से मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर बड़ी पहल की गई है। मंगलवार को पोषण अभियान 2019 के अंतर्गत ‘‘कुपोषण मुक्ति हेतु गोद अभियान’’ की शुरूआत हुई। इसमें प्रदेश में चिन्हित 1600 अति कुपोषित बच्चों को मुख्यमंत्री, मंत्रिगणों, विधायकों, अधिकारियों, उद्योगपतियों व अन्य समाजसेवियों द्वारा गोद लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री आवास में अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर 20 बच्चों को गोद लिया गया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने योगिता पुत्री श्रीमती रेखा, विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने अनिषा पुत्री श्रीमती गुड़िया, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने निहारिका पुत्री श्रीमती सीमा, विधायक श्री गणेश जोशी ने भूमिका, मेयर श्री सुनील उनियाल गामा ने निहारिका पुत्री श्रीमती प्रियंका, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने नैंसी पुत्री अतर सिंह, प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार ने विनायक पुत्र श्रीमती शीतल, प्रमुख सचिव श्री आनंदबर्द्धन ने आयुष पुत्र श्रीमती राजेश्वरी, सचिव डाॅ. भूपिंदर कौर औलख ने आन्या, श्री आरके सुधांशु ने अरहम, श्री नीतेश झा ने नैना, श्री शैलेश बगोली ने उमर, श्रीमती सौजन्या ने अभिषेक, श्री हरबंस सिंह चुघ ने राज, श्री अरविंद सिंह ह्यांकि ने हमजा, श्री पंकज पाण्डे ने शुभान, श्री विनोद प्रसाद रतूड़ी ने जोया, श्री बीएस मनराल ने प्रियांशु, श्री बीके संत ने शौर्य व एचसी सेमवाल ने दिव्यांशी को गोद लेकर उन्हें कुपोषण से मुक्त करने की जिम्मेवारी ली है। समाजसेवी व उद्योगपति श्री राकेश ओबराय ने अपनी संस्थाओं के माध्यम से 100 कुपोषित बच्चों को गोद लेने की बात कही।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हमें समाज की शक्ति को पहचानना चाहिए। किसी भी समस्या का हल समाज की भागीदारी से हो सकता है। हमारे पूर्वजों ने समाज की ताकत को पहचाना था। हमें भी यह देखना होगा कि कैसे समाज की शक्ति का उपयोग किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष बड़े पैमाने पर सफलतापूर्वक वृक्षारोपण अभियान चलाए गए थे। इसमें समाज के सभी लोगों ने बढ़-चढ़कर योगदान दिया। कोई भी समस्या दूर की जा सकती है अगर सही तरीके से नियोजन किया जाए, समाज को इसमें जोड़ा जाए और उसे पर्सनल टच दिया जाए। मुख्यमंत्री ने पिथौरागढ़ का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों व समाज का सहयोग लेकर बालिका लिंगानुपात में काफी सुधार आया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश में कक्षा 9 से 12 तक की बालिकाओं का हिमोग्लोबिन टेस्ट कराया जाएगा। वर्ष 2022 तक प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को पक्का भवन युक्त किया जाएगा। प्रत्येक राशनकार्ड पर 2 किग्रा दाल उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन बच्चों को गोद लिया जा रहा है, उनका नियमित रूप से पूरा ध्यान रखना जरूरी है। उनके माता पिता के सम्पर्क रहना होगा। बच्चे क्या खा रहे हैं, कैसे खा रहे हैं, हर छोटी से छोटी बात पर ध्यान देना होगा। पहला सहयोग बच्चे की मां का चाहिए। अगर मां को पोषण मिले, मां का स्वास्थ्य ठीक हो तो बच्चे का पोषण और स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा।
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