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जयद्रथ का वध कर अर्जुन ने लिया बदला

  • कमलव्यूह मंचन को देखने उमड़े दर्शक

रुद्रप्रयाग । ग्राम पंचायत देवर द्वारा पाण्डव नृत्य के आयोजन के अवसर पर कमलव्यूह का आयोजन किया गया। कमलव्यूह मंचन देखने के लिए दूर-दराज क्षेत्र से हजारों की संख्या में दर्शक पहुंचे। कमलव्यूह का शुभारम्भ मुख्य अतिथि एवं श्री बद्रीकेदार मंदिर समिति के सदस्य श्रीनिवास पोस्ती ने किया। पाण्डव नृत्य कमेटी के अध्यक्ष गंगा सिंह ने कमलव्यूह के मंचन के बारे में बताया कि महाभारत के युद्ध में जब अर्जुन पुत्र अभिमन्यु कौरवों द्वारा मारा जाता है और जयद्रथ मरे अभिमन्यु के सिर पर पैर से ठोकर मारता है तो अर्जुन ने प्रतिज्ञा ली कि कल सूरज अस्त होने तक वह जयद्रथ का वध करेगा। नही तो स्वयं को चिता में भस्म कर दूंगा। जब अर्जुन की इस प्रतिज्ञा के बारे में कौरवों को पता चला तो दुर्योधन ने गुरु द्रोणाचार्य से ऐसे व्यूह की रचना करने को कहा, जिससे अर्जुन उस दिन सूर्यास्त तक न भेद सके। इसीलिए गुरु द्रोण ने अत्यंत कठिन माने जाने वाले कमलव्यूह की रचना कर पाण्डवों को चुनौती दी।

युद्ध के दौरान कमलव्यूह में अर्जुन वीरता से लड़ता हुआ व्यूह के कई द्वारों को जीतकर अंदर तक पहुंचता है, मगर जयद्रथ का पता नहीं चल पाता है। जिस कारण अर्जुन काफी अशान्त एवं परेशान हो जाता है। भगवान श्रीकृष्ण से बात करने पर वे अर्जुन को युद्ध जारी रखने की सलाह देते हैं, मगर कुछ समय पश्चात भगवान श्रीकृष्ण के संकेतों पर योगमाया द्वारा भगवान सूर्य को छिपाया जाता है, जिस कारण अर्जुन अपने अस्त्र-शस्त्र त्याग चिता बनाकर उसमें भष्म होने के लिए तैयार हो जाता है। ज्यूं ही अर्जुन चिता में प्रवेश की तैयारी करता है सभी कौरव महारथियों के साथ जयद्रथ भी सूची व्यूह से इस दृश्य को देखने के लिए आता है। उसी समय भगवान अपनी शक्ति से योगमाया का आह्वान कर पुनः सूर्य भगवान को आकाश में प्रकट करते हैं और अर्जुन से कहते हैं कि चिता में मत जाओ, बल्कि अपना प्रण पूरा करो। इस प्रकार अर्जुन जयद्रथ को मारकर अपनी प्रतिज्ञा तो पूरी करते ही हैं, साथ ही अपने पुत्र की महत्या का बदला भी ले लेते हैं।

कमलव्यूह के मंचन में अशोक चौहान ने गुरु द्रोणाचार्य, संदीप ने महारथी कर्ण, दिग्विजय ने कृपाचार्य, रजपाल ने भूरिश्रवा, उत्तम सिंह ने कृतवर्मा, मोहित राणा ने विकर्ण, मनीष चौहान ने मामा शकुनि, पंकज ने दुःशासन, अवनीश ने अश्वस्थामा, आशुतोष ने शल्यराज, महेन्द्र सिंह ने राजा अलम्बोस, लक्ष्मण चौहान ने दुर्योधन, उदय चौहान ने जयद्रथ, प्रेमसिंह ने योगमाया, अजयपाल ने अर्जुन, रायसिंह चौहान ने श्रीकृष्ण की शानदार भूमिकायें निभाई। इस अवसर पूर्व क्षेत्र प्रमुख ममता नौटियाल, जीवन निर्माण एजुकेशन सोसाइटी के चेयरमैन लखपत सिंह राणा, उपहार समिति के विपिन सेमवाल, प्रधान ग्राम पंचायत नाला बीरेन्द्र असवाल, निम के मनोज सेमवाल सहित कई क्षेत्रीय प्रतिनिधि व गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

devbhoomimedia

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