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सांस्कृतिक महोत्सव हमें इकट्ठा होने का मौका देते हैं : त्रिवेंद्र रावत

उत्तराखण्ड महोत्सव 2017 का समापन 

लखनऊ : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा यहां जीवंत उत्तराखण्ड दिख रहा है। अपने जन्म स्थान की याद सभी को आती है,जो भावुक क्षण होता है। लखनऊ में आकर पिथौरागढ़ की याद आ गई। साथ ही उन्होंने कहा सांस्कृतिक महोत्सव हमें इकट्ठा होने का मौका देते हैं। जहाँ हम आपस में सुख दुख बांटते हैं।

 रविवार देर सांय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लखनऊ में उत्तराखण्ड महोत्सव 2017 के  समापन किया । महोत्सव का आयोजन उत्तराखण्ड महापरिषद, लखनऊ द्वारा किया गया है। मुख्यमंत्री   रावत का स्वागत परम्परागत नृत्यों के साथ किया गया। समारोह में पहुंचकर मुख्यमंत्री ने विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आए लोगों से भी मिले। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, उत्तराखण्ड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री अजय भट्ट भी मौजूद थे।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने   बडे़ पैमाने पर कार्यक्रम के आयोजन के लिए उत्तराखण्ड महापरिषद का आभार जताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उत्तराखण्ड महापरिषद काम कर रही है, वह सराहनीय है। देश के हर स्थान पर उत्तराखण्डी मिल जाते हैं जो कि अपनी संस्कृति से जुड़े हुए हैं। उन्होंने  अखिल भारतीय पर्वतीय महापरिषद बनाये जाने की भी बात कही ताकि विश्वभर के उत्तराखंडी एक मंच पर आकर अपने हितों की बात उठा सकें। 
उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा  कि हम सभी के तार आपस में जुड़ने चाहिए। त्रिवेंद्र रावत ने कहा यहां जीवंत उत्तराखण्ड दिख रहा है। अपने जन्म स्थान की याद सभी को आती है,जो भावुक क्षण होता है। लखनऊ में आकर पिथौरागढ़ की याद आ गई। साथ ही उन्होंने कहा सांस्कृतिक महोत्सव हमें इकट्ठा होने का मौका देते हैं। जहाँ हम आपस में सुख दुख बांटते हैं।
साथ ही उन्होंने कहा पलायन मजबूरी में नही होना चाहिए। रोजगार, शिक्षा व स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने प्रवासी उत्तराखंडियों का आवाहन किया कि उत्तराखण्ड के विकास में वे भी सहयोग करें।
उन्होंने कहा हमारी सरकार भ्रष्टाचार के दीमक को दूर करने का प्रयास कर रही है। भ्रष्टाचार विकास में सबसे बड़ा अवरोधक है। हम ईमानदार व पारदर्शी सिस्टम बना रहे हैं।

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