UTTARAKHAND

भ्रष्टाचारियों के लिए एक आम नागरिक की चिट्ठी, कोरोना संक्रमण में तो देश को बख्श दो

हमें मालूम है कि तुम्हारे पेट कभी नहीं भरेंगे

यह तुमने क्या कर दिया, तुम तो हमारे देवताओं के साथ छल करने से भी बाज नहीं आए

इस समय इस धरती पर मौजूद किसी भी संसाधन और मानवता पर बुरी नजर मत डालना

इस समय धरती पर एक अदृश्य दानव है, जिसे कोरोना वायरस के नाम से जाना जाता है। पूरी दुनिया इससे लड़ रही है। कोरोना से लड़ने के लिए देवताओं को कोरोना वारियर्स के रूप में अवतार लेना पड़ा है। इस युद्ध में निश्चित रूप से मानवता की जीत होगी। हां, कुछ समय लग सकता है।

भ्रष्टाचारियों, इस समय मेरा तुम्हें चिट्ठी लिखने का आशय केवल इतना है कि तुम इस समय कुछ भी खाने, पचाने, कुछ भी गलत करने की मत सोचो। तुमने अभी तक हमारे देश में पता नहीं क्या क्या चबा डाला। तुमने कोयला खाने में भी गुरेज नहीं किया। तुमने सड़कों पर बिछाने वाली कोलतार तक उदरस्थ कर ली।

गरीबों के टायलेट से लेकर उनके आवास तक तुम खा गए। तुम्हारे पेट इतने बड़े और भूखे हो गए हैं कि तुम पूरी की पूरी नदियां खा जाने की सोचते हो। तुमने न जाने कितनी मृत्यु शैया पर आलीशान बंगले बना डाले। तुम तो वो हो, जो भूख से तड़पते लोगों की चीखों को अनसुना करके अपने पेट भरने में लगे रहते हैं। तुम तो बच्चों की दवा तक डकार जाते हो। गरीबों के मुंह से निवाला छीनकर अपने बच्चों को महंगे रेस्त्रां में डिनर, लंच कराने वालों, गरीबों के स्कूल ढहाकर अपने बच्चों को विदेशों में पढ़ाने वालों, हमें मालूम है कि तुम्हारे पेट कभी नहीं भरेंगे। मेरे जैसी अबोध आम जनता भी यह बात जानती है।

इसकी वजह यह भी है कि तुम्हारे पेटों पर कभी चीरे नहीं लगाए गए। तुम्हारे पेटों को फाड़ने वाला सिस्टम अभी ईजाद नहीं हो सका। अगर ऐसा होता तो तुम सुधर जाते और फिर कभी दूसरों के हक पर डाका डालने की सोचते भी नहीं। तुम और तुम्हारे कारनामों को सब जानते हैं और तुम्हारे चेहरे भी जनता से नहीं छिपे हैं। तुम मानवता के दुश्मन हो, हम सभी जानते हैं।

हां, तो असल मुद्दे पर आते हुए, कोरोना संक्रमण के इस दौर में हम, तुम्हारे से केवल एक विनती करते हैं,. हालांकि तुम इस काबिल नहीं हो कि तुमसे विनती की जाए, पर क्या करें, यह वो आपात स्थिति है, जिसमें मानवता मृत्यु और जीवन के बीच झूलती नजर आ रही है। क्या तुम इस आपात स्थिति में मानवता को बख्श दोगे।

यह मैं क्या सुन रहा हूं, तुम्हारी ही श्रेणी में से किसी ने घटिया पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट) किट का लेन देन कर लिया। पीपीई किट तो हमारे कोरोना वारियर्स पहनते हैं। यह हमारे कोरोना वारियर्स की सुरक्षा ढाल है। यह तुमने क्या कर दिया, तुम तो हमारे देवताओं के साथ छल करने से भी बाज नहीं आए। वो तो अच्छा हुआ कि समय पर पता चल गया और किट जब्त कर ली गईं।

क्या तुम जानते हो, कोरोना वारियर्स ने हमारे जीवन को सुरक्षा देने के लिए अपने जीवन को जोखिम में डाल दिया। पीपीई किट को, वो कोरोना वारियर्स इस्तेमाल करते हैं, जो कोरोना संक्रमितों या कोरोना की आशंका वाले मरीजों के सीधे संपर्क में रहते हैं। हम अपने कोरोना वारियर्स को दिल से चाहते हैं। उनके साथ, छल को हम बर्दाश्त नहीं कर सकते।

सुना तो यह भी है कि तुम घटिया सैनेटाइजर्स और मास्क लेकर बाजार में उतरे हो। तुम खाने पीने के सामान के रेट बढ़ाकर लोगों को दे रहे हो। तुम कालाबाजारी कर रहे हो। इस आपात स्थिति में तो सुधर जाओ, नहीं तो तुम्हें भगवान माफ नहीं करेंगे।

मेरा तुमसे साफ-साफ कहना है कि कोरोना से लड़ाई के दौर में अपनी राक्षसी प्रवृत्ति को छोड़ दो। इस समय तुम भूल जाओ अपनी दानवीय प्रवृत्ति को। इसके बाद तुम चाहे जितनी मिट्टी, सड़कें, फाइलें, टायलेट, कोयला, खेत, खलिहान, पेट्रोल, डीजल…जो तुम्हारी मर्जी हो गटक लेना, हालांकि तुम्हें इसकी कोई इजाजत नहीं है। पर इस समय इस धरती पर मौजूद किसी भी संसाधन और मानवता पर बुरी नजर मत डालना।

एक आम नागरिक

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