DEHRADUN :- चमोली जिले के जोशीमठ -तपोवन -मलारी मार्ग पर भापकुण्ड के पास बीती देर रात बादल फटने की घटना में भापकुण्ड बॉर्डर रोड आर्गेनाईजेशन के पांच लोगों के बहने की सूचना है। यह घटना नीती घाटी के जेलम गांव में बरसाती गदेरे के शीर्ष भाग में बादल फटने के बाद हुई। जहाँ दो बच्चों सहित चार मजदूर मलबे में दब गए हैं। एक डेढ़ साल के बच्चे और उसकी मां का शव मलबे से निकाल लिया गया है, जबकि एक बच्चे सहित दो लोगों के शव अभी तक नहीं मिल पाए हैं। जिसमे से तीन लोगों के शव प्राप्त हो चुके हैं शेष के लिए खोजज़बीन जारी है। यह घटना जोशीमठ से 50 किमी दूर भापकुंड में हुई है ।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने चमोली जिले में जोशीमठ मलारी रोड के करीब बादल फटने के बाद बीआरओ के कुछ मजदूरों की मृत्यु पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को बीआरओ के सम्पर्क में रहते हुए राहत व बचाव कार्य तेजी से करने के निर्देश दिये हैं। एसडीआरएफ, पुलिस व प्रशासन की टीम मौके पर पहुंचकर लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई है। नीती मोटर मार्ग पर जेलम के पास भी भारी मात्रा में मलबा आने से सड़क बंद है। जेलम से आगे मार्ग परआवाजाही हो रही है।
वहीँ दूसरी ओर, लामबगड़ भूस्खलन जोन के निकट भारी बारिश के बाद बरसाती नाले से करीब 15 मीटर सड़क बह गई है। यहां पर एनएच द्वारा अभी तक हाईवे की मरम्मत का कार्य शुरू नहीं किया गया है। लामबगड़ भूस्खलन जोन पर भी भारी मात्रा में मलबा आया हुआ है। एनएच द्वारा अभी यहां पर मलबे को हटाने का कार्य किया जा रहा है। हाइवे अवरुद्ध होने से 800 यात्री बदरीनाथ धाम की ओर फंसे हुए हैं, जबकि बदरीनाथ जाने वाले एक हजार यात्रियों को पड़गासी पैदल मार्ग से बदरीनाथ के लिए रवाना किया गया है। बदरीनाथ धाम की ओर फंसे यात्री भी पैदल पड़गासी पैदल मार्ग से आ रहे हैं।
इधर उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग थेरांग और गंगनानी के मध्य नागदेवता के पास मलबा भूस्खलन से बंद रहा। ऐसे में उत्तरकाशी, भटवाडी, गंगनानी, गंगोत्री में ट्रैफिक को रोका गया था। सीमा सुरक्षा संगठन (बीआरओ) के मजदूरों ने दोपहर बाद मार्ग को खोल दिया। यमनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए सुचारु है।
मलबा आने से यहां मौजूद बीआरओ के मजदूरों के टिन शेड दब गए। साथ ही टिन शेड में रह रहे मजदूर तुलसा देवी (36) पत्नी प्रेम बहादुर, डेढ़ वर्षीय सुनील पुत्र प्रेम बहादुर, दो वर्षीय गौरव पुत्र किशन पाल और गोपाल बहादुर (35) पुत्र पर बहादुर, सभी चौराठा, नेपाल निवासी मलबे में जिंदा दफन हो गए। सुबह सात बजे जोशीमठ तहसील प्रशासन को घटना की सूचना मिली। जिसके बाद बीआरओ के कमांडर एसएस मक्कर, एसडीएम योगेंद्र सिंह के साथ ही एसडी आरएफ और आईटीबीपी के जवान घटना स्थल पर पहुंचे।
मलबा आने से यहां मौजूद बीआरओ के मजदूरों के टिन शेड दब गए। साथ ही टिन शेड में रह रहे मजदूर तुलसा देवी (36) पत्नी प्रेम बहादुर, डेढ़ वर्षीय सुनील पुत्र प्रेम बहादुर, दो वर्षीय गौरव पुत्र किशन पाल और गोपाल बहादुर (35) पुत्र पर बहादुर, सभी चौराठा, नेपाल निवासी मलबे में जिंदा दफन हो गए। सुबह सात बजे जोशीमठ तहसील प्रशासन को घटना की सूचना मिली। जिसके बाद बीआरओ के कमांडर एसएस मक्कर, एसडीएम योगेंद्र सिंह के साथ ही एसडीआरएफ और आईटीबीपी के जवान घटना स्थल पर पहुंचे।
मलबे में से तुलसा देवी और डेढ़ वर्षीय सुनील के शव निकाल दिए गए हैं, जबकि गौरव व गोपाल बहादुर के शव अभी तक नहीं मिल पाए हैं। वहीं, समीप के तमक गांव में भी बादल फटने से करीब 30 नाली कृषि भूमि बह गई है। भूस्खलन से गांव को भी खतरा हो गया है। जोशीमठ-मलारी हाईवे को भी गदेरे के मलबे से भारी नुकसान पहुंचा है। यहां करीब दो सौ मीटर तक भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर पसरे हुए हैं। एसडीएम योगेंद्र सिंह ने बताया कि मलबे में दबे मजदूरों के शवों की ढूंढखोज की जा रही है। मलारी हाईवे को शनिवार तक सुचारु कर लिया जाएगा।