धामी सरकार गिराने की साजिश, पूर्व CM त्रिवेंद्र और निशंक ने की साक्ष्य मांगने की मांग,70 विधायकों की साख का सवाल…
उत्तराखंड राजनीति: सरकार गिराने की साजिश पर हंगामा
उत्तराखंड विधानसभा सत्र में निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के सरकार गिराने की साजिश से जुड़े बयान ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि यह 70 विधायकों की साख का सवाल है और इस मामले की जांच होनी चाहिए। रावत ने कहा कि राज्य में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है और निशंक के ₹500 करोड़ के आरोप पर पूरी तरह सहमत हैं, क्योंकि किसी विधायक या सरकार ने अभी तक इसका खंडन नहीं किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी फेसबुक पर निशंक की सराहना की। उन्होंने कहा कि निशंक ने सरकार गिराने की साजिश पर जो बयान दिया, वह बहादुरी का प्रतीक है। रावत ने यह भी कहा कि अन्य लोग केवल धुआं देख रहे थे, लेकिन निशंक आग के नजदीक पहुंचे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने स्पष्ट किया कि अध्यक्ष की भूमिका तटस्थ होती है। सदन में किसी सदस्य द्वारा उठाए गए मुद्दों को पक्ष-विपक्ष की प्रतिक्रिया के आधार पर ही माना जाता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई सदस्य अनुपस्थित है या उसके बारे में अपशब्द कहे जाते हैं, तो अध्यक्ष को उस पर स्वत: संज्ञान लेना उचित नहीं होता।
उत्तराखंड की राजनीति में यह घटनाक्रम अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है, जिससे स्थिति की स्पष्टता और पारदर्शिता की आवश्यकता और भी अधिक हो गई है।