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कांग्रेस : सरकार के तीन सालः काम कम ढिंढौरा ज्यादा

भाजपा ने इन तीन वर्षों में राज्य की जनता के साथ छलावा कर थोपी जन विरोधी नीतियां 

यूकेडी : जीरो टॉलरेंस वाली त्रिवेंद्र सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर रहा

देहरादून । यूकेडी के केंद्रीय प्रवक्ता सुनील ध्यानी ने कहा कि भाजपानीत त्रिवेंद्र सरकार के 3 वर्ष पूरे होने पर सरकार अपना गुणगान कर रही है। जबकि उत्तराखंड सरकार के ये तीन वर्ष बड़े हताश और निराशाजनक थे है। जीरो टॉलरेंस वाली त्रिवेंद्र सरकार के दौरान भ्रष्टाचार चरम पर रहा। 100 दिन में लोकायुक्त की बात कहने वाली सरकार के 3 वर्ष पूरे हो गए लेकिन लोकायुक्त की अभी तक कोई जिक्र नहीं। जे ई भर्ती,फारेस्ट गार्ड परीक्षा धांधली स्पष्ठ रूप से बताती है कि सरकार बेरोजगारों के साथ छलावा कर रही है। महंगाई रोकने में सरकार विफल रही है। बिजली की दर, हाउस टैक्स ऐसे कई टेक्सो से जनता को लूटा जा रहा है।वही जनता की गाढ़ी कमाई को सरकार माननीयों एवम दर्जाधारियो के वेतनों की बृद्धि करके खर्च कर रही है। आज राज्य का कर्मचारी सड़क पर आंदोलन कर रहा है,वेरोजगार धरने प्रदर्शन कर रही है।पहाड़ी क्षेत्रो में बीमार लोगो को कंडी यानि डोली में ले जा रहे है।राज्य में दो बार अवैध शराब तस्करी से दर्जनों जाने गयी। आये दिन पहाड़ो में सड़कों की खस्ताहाल होने के कारण दुर्घटनाये हो रही है।पहाड़ की जनता आज भी मुलभूतो की सुविधाओं के लिये तरस रही है। राज्य 40 हजार रुपये के कर्जे में डूबा है। त्रिवेंद्र की सरकार के ये तीन वर्ष जनविरोधी, पहाड विरोधी रहे है।

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून। भाजपा सरकार के तीन साल का कार्यकाल अत्यन्त ही निराशाजनक रहा है। भाजपा सरकार विकास के मोर्चे पर पूरी तरह विफल रही है। सरकार ने इन तीन सालों में एक भी ऐसा काम नहीं किया है जिसे सरकार की उपलब्धि माना जा सके। सरकार ने काम कम किया है काम का ढिंढौरा ज्यादा पीटा है। उत्तराखण्ड की त्रिवेन्द्र सरकार ने विगत 3 वर्षों में राज्य की जनता के साथ जो छलावा कर जन विरोधी नीतियां थोपी हैं उसके परिणाम स्वरूप राज्य का जनमानस भाजपा को प्रचण्ड बहुमत-देने के बावजूद अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है।

कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री तीन सालों से भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस का ढिंढौरा पीट रहे है वह यह क्यों नहंी बताते कि वह लोकायुक्त कब लायेगें और लायेंगे भी या नहीं। उन्हांेने कहा कि भाजपा को डर है कि लोकायुक्त लेकर आये तो उनके नेताओं को भी लेने के देने पड़ जायेंगे। प्रीतम सिंह ने कहा कि जिस एनएच 74 की जांच की बात सीएम कर रहे है उस पर सीबीआई जांच से उन्हांेने पीछे कदम क्यों खींच लिये? उन्होने जब देखा कि इसमें अपने ही नेता फंसने वाले है तो बात  खत्म हो गयी। अगर ऐसा ही है तो फिर भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस का ढोल क्यों पीट रहे है बंद करें इसे। उन्होने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने पर सीएम और सरकार पर तीखा हमला बोला। प्रीतम ने कहा कि सरकार यह तो बताये कि सूबे की सूबे की स्थायी राजधानी कहा है। प्रीतम ने छात्रवृत्ति घोटाले की जांच पर भी सवाल उठाये है तथा महंगाई को आड़े हाथों लिया।

कोरोना को लेकर सूर्यकांत धस्माना के कदम से कांग्रेस में रार ……

देहरादून । कभी-कभी नेताओं की बचकाना हरकत से पार्टी को कितनी शर्मिंदगी उठानी पड़ सकती है, यह इन दिनों उत्तराखंड कांग्रेस को महसूस हो रहा है। कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना दून मेडिकल कॉलेज के आइसोलेटेड वार्ड का जायजा लेने चले गए थे। उन्होंने ऐसा तब किया जबकि वहां कोरोना संक्रिमत मरीज भर्ती था। इसके बाद धस्माना और उनके साथ गए लोगों के भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया। अस्पताल के दौरे के बाद धस्माना 14 दिन के लिए आइसोलेशन पर हैं। इस घटना के बाद से कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना लगातार आलोचकों के निशाने पर हैं। हर कोई उनके अस्पताल जाने के कदम को गलत बता रहा है। खुद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने सूर्यकांत धस्माना के कदम को गलत बताया है। प्रीतम सिंह कह रहे हैं कि उनकी पार्टी कोरोना वायरस को लेकर कोई राजनीतिक बयानबाजी नहीं करेगी। ज्ञात हो कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों की परीक्षा लेने वाली उत्तराखंड कांग्रेस खुद फेल हो गई है। पार्टी के नेता सूर्यकांत धस्माना के दून मेडिकल कॉलेज के आइसोलेटेड वार्ड में जाने ने कांग्रेस की फजीहत कराकर रख दी है। कांग्रेस अब बैकफुट पर है और उससे जवाब देते नहीं बन रहा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह धस्माना के अस्पताल जाने को गलत बताकर किसी तरह डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं।

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