कांग्रेस के बागी बने भाजपा की मुसीबत, मांग रहे 17 विधानसभा सीट पर पर टिकट
दिग्गज नेता नारायण दत्त तिवारी अपने बेटे के साथ भाजपा का कमल थामने को तैयार !
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : भारतीय जनता पार्टी के लिए पहले से ही कांग्रेस के बागी मुसीबत बने हुए हैं तो वहीँ चुनावी मौसम का फायदा उठाते हुए अब कांग्रेस से उपेक्षित दिग्गज नेता नारायण दत्त तिवारी अपने बेटे के साथ भाजपा का कमल थामने को तैयार है। भाजपा की सबसे बड़ी मुसीबत यह है कि कांग्रेस के बागी भाजपा में आने के बाद आलाकमान से सूबे में चुनाव लड़ने के लिए 17 सीटों पर दावा ठोंक रहे हैं तो बाकि भाजपाईयों ने भी इन्ही विधानसभा सीटों पर अपना दावा कर पार्टी के सामने मुसीबत खड़ी कर दी है।
पार्टी को अब इस बात का ख़तरा सताने लगा है कि यदि उसने अपने पुराने कार्यकर्ताओं की नहीं सुनी तो उसे विधानसभा चुनाव में भीतरघात का खतरा हो सकता है और यदि बागियों की नहीं सुनी तो कहीं बागी अब भाजपा से भी बगावत न कर दें। वहीँ दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी और उनके बेटे रोहित शेखर को भी भाजपा में शामिल कराने की कोशिश और तेज हो गई है। तिवारी भी इसके लिए सहमत भी हो गए बताये जाते हैं लेकिन मामला रोहित शेखर की सीट को लेकर फंसा हुआ है। सूत्रों के अनुसार पूरी संभावना है कि इसी सप्ताह इस पर कोई न कोई निर्णय हो जाय। वहीँ इस मामले पर वरिष्ठ भाजपा नेता भगत सिंह कोश्यारी ने स्वीकार किया है कि इस दिशा में वार्ता हुई है और तिवारी भाजपा में आ सकते हैं।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि भाजपा में कांग्रेस के दो-दो पूर्व मुख्यमंत्रियों व कांग्रेस के कद्दावर नेताओं के आने से भाजपा पर भारी दबाव की स्थिति में है। बताया जा रहा है कि तिवारी रोहित को लिए लालाकुआं सीट से टिकट चाहते हैं। इसके लिए पूर्व में भाजपा के राज्य स्तरीय नेता राजी हो गए थे।वहीँ रोहित ने पिछले कई महीनों से लालकुंआ क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ा दी थी । जबकि भाजपा नेतृत्व ने रोहित को हल्द्वानी सीट ऑफर की लेकिन तिवारी परिवार रोहित को हल्द्वानी से लड़ाने की इच्छुक नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा में शामिल होने को लेकर एनडी ने अनिल बलूनी और भगत सिंह कोश्यारी, अजय भट्ट की अनेक दौर की वार्ता भी हुई। चर्चाये आम हैं कि तिवारी के नजदीकी रहे विजय बहुगुणा भी पूर्व मुख्यमंत्री सहित रोहित को भाजपा में लाने के लिए प्रयासरत रहे हैं । वहीँ एक जानकारी के अनुसार 30 दिसंबर को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की तिवारी से फोन पर वार्ता भी हुई।इस दौरान भाजपा से पूर्ण आश्वासन के चलते ही तिवारी ने नोटबंदी पर मोदी के समर्थन में बयान दिया था । उधर, भाजपा का मानना रहा कि तिवारी के आने से न केवल लालकुआं बल्कि हल्द्वानी और आसपास सीटों सहित यूपी तक में भाजपा को लाभ मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक जल्द पार्लियामेंटरी बोर्ड इस पर फैसला लेगा।