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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने पलटा कांग्रेस सरकार के गंगा धारा को एस्केप चैनल में बदलने वाला फैसला

एस्केप चैनल अब हुई गंगा धारा,शासनादेश हुआ निरस्त

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून। तीर्थनगरी हरिद्वार में भीमगोडा  से हर की पैड़ी और कनखल तक बह रही गंगा की धारा को एस्केप चैनल घोषित करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार  द्वारा जारी शासनासदेश को वर्तमान त्रिवेंद्र सरकार ने निरस्त कर एक बार फिर हरि की पौड़ी पर गंगा की धारा को बहाया है।
बुधवार को राज्यपाल की अनुमति के बाद सचिव शैलेश बगौली ने आदेश जारी करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के फैसले को पलटत दिया है। आदेश में विभाग की ओर से 14 दिसंबर 2016 को जारी शासनादेश में इस क्षेत्र का उल्लेख स्कैप चैनल के रूप में किए जाने संबंधित निर्णय समाप्त किए जाने की जानकारी दी है। हालांकि स्कैप चैनल शब्द हटाने के अलावा उक्त शासनादेश के अन्य बिंदू अब भी प्रभावी रहेंगे।
गौरतलब हो कि बीती 22 नवंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसकी घोषणा की थी, और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वर्तमान सरकार की इस घोषणा का स्वागत करते हुए अपनी गलती का अहसास कर त्रिवेंद्र रावत को बधाई दी थी।
बुधवार को जारी इस फैसले में राष्ट्रीय हरित ग्रीन ट्रिब्यूनल के गंगा व उसकी सहायक नदियों में तटीय विकास व निर्माण के बाबत पारित दिशा निर्देशों का भी उल्लेख किया गया है। निरस्त करने का फैसला लिया है। इसी रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसकी घोषणा की और कहा कि जल्द ही इसका नया शासनादेश जारी होगा।
उल्लेखनीय है कि जनआस्था  के इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि हरिद्वार में हर की पैड़ी का अविरल गंगा का दर्जा बरकरार रखा जाएगा। वहीं गंगा सभा और अखाड़ा परिषद का भी कहना था कि गंगा को एस्केप चैनल घोषित करने से लोगों की आस्था पर चोट पहुंची है और त्रिवेंद्र सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के फैसले को पलटने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र का आभार जताया है।  
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