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सीएम ने किया ’’टिहरी कटोरा भर याद और उदय’’ पुस्तक का विमोचन

देहरादून । उत्तराचंल प्रेसक्लब में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ’’टिहरी कटोरा भर याद और उदय’’ पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने इस अवसर पर टिहरी क्षेत्र की विशिष्ट विभूतियों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कार्यक्रम के आयोजक व पुस्तक के लेखक शीशपाल गुसाईं को बधाई देते हुए कहा कि टिहरी के इतिहास का विश्लेषण कठिन कार्य है। एक तरफ राजशाही का इतिहास है तो दूसरी तरफ टिहरी को देश के स्वतंत्रता आंदोलन के साथ जोड़ने का इतिहास है। प्रजामंडल का इतिहास केवल आजादी के संघर्ष तक ही सीमित नही था बल्कि यह जनसमस्याओं से भी जुड़ा था। अमर शहीद श्रीदेव सुमन का बलिदान दुर्लभ उदाहरण है। टिहरी के महान व्यक्तित्वों का देश के लिए महान योगदान रहा है। टिहरी एक सुंदर नगरी थी जिसने देश के लिए अपने को समर्पित कर दिया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस मौके पर लगाई गई प्रदर्शनी की भी सराहना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वतंत्रता सेनानी परिपूर्णानंद पैन्यूली ने की।

इस अवसर पर  टिहरी के आठ नायकों का सम्मान समारोह उत्तरांचल प्रेस क्लब देहरादून में समपन्न हुआ। शीशपाल गुसांई द्वारा सम्पादित इस स्मारिका का मुख्यमंत्री हरीश रावत व स्वतंत्रता सेनानी श्री परिपूर्णा नन्द पैन्यूली, श्रीमती कमला रागड़, ने विमोचन किया। टिहरी के आठ नायकों कैप्टिन शूरवीर सिंह पंवार,  त्रेपन सिंह नेगी, पूर्व सांसद व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, गोविन्द सिंह नेगी, लालघाटी के नायक व पूर्व विधायक, खुशहाल सिंह रागड़, टिहरी प्रजामंडल गवर्मेंन्ट में लोक निर्माण मंत्री, आचार्य गोपेशवर प्रसाद कोठियाल संस्थापक/संपादक को मरणोपरान्त मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। इनका सम्मान इनके परिजनो को भेंट किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री परीपूर्णानंद पैन्यूली, श्री सुन्दर लाल बहुगुणा, राधा रतूड़ी को भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा  कि टिहरी का अपने आप में बहुत बड़ा इतिहास है। जब विधायक गोविन्द सिंह नेगी लखनऊ विधानसभा में बोलते थे। तो वे विधानसभा में सुनने जाते थे।

टिहरी में खुशहाल सिंह रागड़ का अहम योगदान बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके रास्ते पर चलना अच्छा लगता है। टिहरी के 201 वर्ष को गौरवशाली बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम आयोजित होने चाहिए, इससे महान लोगो का पता चलता है। ऐतिहासिक दस्तावेज टिहरी कटोर भर याद और उदय के संपादक शीशपाल गुसांई के काम के प्रसन्शां करते  हुए कहा कि इस दस्तावेज में महन्नत झलकती है। कार्यक्रम की अध्यक्षा करते हुए पूर्व सांसद परीपूर्णानंद पैन्यूली ने कहा कि टिहरी में जो जन क्रांति हुई वह विश्व भर में कहीं नही हुई, लोगो के संघर्ष के बुते सामन्ती शासन से मुक्ति मिली।

इस कार्यक्रम में ठाकुर सुरवीर सिंह पंवार के चित्र और उनकी लाइब्रैरी के तमाम हेरिटेज पाडूलिपी तलवार व दुलर्भ चित्र उनके पौते भवानी प्रताप सिंह पंवार ने लगाई। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और इन ऐतिहासिक दस्तावेजो की सराहना की।

इस मौके पर टिहरी से जुड़े सैकड़ों लोगो ने शिरकत की। रिर्टायर आई0एस0अधिकारी चन्द्र सिंह, अपर प्रमुख वन संरक्षक श्री गंभीर सिंह बागड़ी,बच्ची राम कोक्सवाल, विनोद उनियाल, रविन्द्र जुगरान, महावीर रवालटा,  शांति प्रसाद भट्ट, गोपाल चमोली, शिव सिंह तथवाल, अभिनव थापर, पूर्व प्रमुख उनियाल, सहित कई गढ़मान्य लोग मौजूद थे।

टिहरी का जन्म 29 दिसम्बर को हैं। आचर संहिता की आंशका के कारण इसे 21 दिन पहले करना पड़ा इस तरह का आयेजन प्रत्येक वर्ष होगा। ताकि गहरी झील के नीचे जो संघर्षशील लोग रहे। उनके बारे में नई पीढ़ी जान सके टिहरी बाँध के कारण एक सांस्कृतिक शहर और भागीरथी और भिलगना घाटी के 125 गॉव को डूबना पड़ा टिहरी से प्रत्येक दिन 10 करोड़ रूपये की बिजली नौ राज्यो को जा रही है। करीब एक लाख लोगो को टिहरी से विस्थापित होना पड़ा। वे देहरादून और हरिद्वार जनपद में सरकार ने बसायें लेकिन टिहरी की यादें जिन्होंने वहॉ जिन्दगीं गुजार दी आती रहेंगी। महान लेगे के काम से टिहरी आगे बढे़गी।

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