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सीएम ने दून विश्वविद्यालय में फिल्म शिक्षा यानि स्कूल ऑफ़ सिनेमेटिक स्टडिज शुरू करने के दिए निर्देश

प्रसिद्ध राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षण संस्थाओं द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर किए जाएं कोर्स डिजाइन

स्नातक डिग्री और लाॅजिस्टिक प्रोडक्शन के सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स भी किए जाएं संचालित

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राजेन्द्र जोशी  
देहरादून :  पुणे के Film and Television Institute of India की तर्ज पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की कल्पना है कि देहरादून में भी फिल्म निर्माण की सभी विधाओं में युवाओं को शिक्षा देकर पारंगत बनाया जाए।  उनकी सोच है कि उत्तराखंड को प्रकृति ने बेशुमार प्राकृतिक संसाधन ही नहीं दिए बल्कि उत्तराखंड को प्रकृति ने अपने हाथों से सजाया और संवारा है, यहां के प्राकृतिक दृश्य विश्व के सर्वोत्तम प्राकृतिक दृश्यों से भी सौंदर्यपूर्ण हैं  लिहाज़ा इसका उपयोग यहाँ के युवाओं के लिए स्वरोजगार से क्यों न जोड़ा जाए। 
उन्होंने उत्तराखंड में फिल्म निर्माण के संभावनाओं को भी टटोला है जिसमें उन्हें कामयाबी मिली है।  पिछले साढ़े तीन साल के भीतर उत्तराखंड में लगभग 304 छोटी-बड़ी फिल्मों सहित टेली फिल्म, विज्ञापन फिल्मों की शूटिंग और निर्माण हुआ है। इन्हीं संभावनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दून विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ़ सिनेमेटिक स्टडिज की स्थापना करते हुए फिल्म शिक्षा पर कोर्स प्रारम्भ किए जाने के निर्देश दिए हैं। उनका मानना है कि उत्तराखंड में फिल्म बनाने के इच्छुक देश-विदेश के निर्माता फिल्म निर्माण से जुड़े तमाम उपकरण और लाव-लश्कर वहां से लाने के बजाय क्यों न हम उन्हें यह सब सुविधाएं यहां पर दें ताकि फिम बनाने वालों को सुविधा हो और हम उन्हें विश्वस्तरीय प्रोडक्शन लाॅजिस्टिक यहीं पर उपलब्ध करा सकें। इससे जहां यहाँ से युवाओं को रोज़गार मिलेगा वहीं यहां बनने वाली फिल्मों से राज्य की आय भी बढ़ेगी। 
मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों से अपेक्षा की है कि इसके लिए फिल्म विशेषज्ञों का एक वर्किंग ग्रुप बनाया जाए। इसमें फिल्म जगत व फिल्म शिक्षा के अनुभवी लोगों को नामित किया जाए। प्रसिद्ध राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षण संस्थाओं द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर कोर्स डिजाइन किए जाएं। पाठ्यक्रम आने वाले समय में फिल्म उद्योग की मांग के अनुरूप हों और सिनेमा के विविध आयामों को समावेशित करने वाला हो। इसमें स्नातक डिग्री और लाॅजिस्टिक प्रोडक्शन के सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स भी संचालित किए जा सकते हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने फिल्म शूटिंग की आॅनलाईन अनुमति के लिए पोर्टल का शुभारम्भ भी किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में प्रतिभाओं की कमी नहीं हैं, युवाओं की प्रतिभा को कैसे उजागर किया जाय, इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है। फिल्म के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौन्दर्य भी फिल्म शूटिंग के लिए अनुकूल है। फिल्म के क्षेत्र में राज्य में युवाओं को अच्छा वातावरण मिलना जरूरी है। फिल्म एजुकेशन से फिल्म जगत के विभिन्न पहलुओं की जानकारी लोगों को मिलेगी।
इस अवसर पर महानिदेशक सूचना डाॅ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने राज्य की फिल्म नीति के सबंध में प्रस्तुतिकरण दिया।  बैठक में प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक श्री विशाल भारद्वाज, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री आनंदबर्द्धन, सचिव सूचना श्री दिलीप जावलकर, कुलपति दून विवि डाॅ. अजीत कुमार कर्नाटक, निदेशक उद्योग श्री सुधीर नौटियाल, उपनिदेशक श्री केएस चौहान उपस्थित थे। 

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