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स्वच्छ उत्तराखंड-स्वच्छ भारत विषय में आयोजित हुई विचार गोष्ठी

  • कई संगठनों ने लिया स्वच्छ सर्वे में भागीदारी का लिया संकल्प

देहरादून। प्रदेश के विभिन्न संगठनों ने अगले साल जनवरी से देशभर के साथ उत्तराखंड के 74 शहरों में होने वाले स्वच्छ सर्वे में भागीदारी करने का संकल्प लिया है। हिमालयन जन कल्याण समिति और गति फाउंडेशन की ओर से शुक्रवार को यहां एक होटल में स्वच्छ उत्तराखंड-स्वच्छ भारत विषय में आयोजित विचार गोष्ठी में यह संकल्प लिया गया।

गोष्ठी की शुरुआत करते हुए गति फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य अनूप नौटियाल ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से स्वच्छ सर्वे के विभिन्न पहलुओं को समझाया। उत्तराखंड के 74 शहरों और नगरों में किस तरह से हम एक आम नागरिक के रूप में इस अभियान में राज्य को अच्छे मार्क्स दिलाने के लिए कार्य कर सकते हैं, इस पर भी उन्होंने विस्तार से बातचीत की। उन्होंने शहरों में बरसात के कारण जलभराव, कूड़े के ढेरों, कूूड़ा निस्तारण की स्थिति मेडिकल वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट और ई-वेस्ट जैसी समस्याओं के बारे में बताया। पिछले दो स्वच्छ सर्वेक्षणों में उत्तराखंड के प्रदर्शन पर चिन्ता व्यक्त करते हुए उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे राज्य का साफ-सुथरा बनाने में योगदान करें।

हल्द्वानी की सामाजिक कार्यकर्ता रेवती कांडपाल ने स्वच्छता के मामले में सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया तो हल्द्वानी की ही भावना रावत ने कहा कि वे हल्द्वानी में दो लाख घरों से कूड़ा इकट्ठा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वे इस काम को व्यवसाय के साथ ही समाजसेवा के रूप में लेती हैं। मजदूर संघ के बृजेश बड़कोटी ने गंगा नदी की स्थिति पर चिन्ता जताई। उन्होंने कहा कि गंगा गंगोत्री से ही प्रदूषित होनी शुरू हो जाती है। उत्तकाशी में उसकी स्थिति और खराब की जा रही है, जबकि ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा लगभग मर जाती है। पिथौरागढ़ के समाजिक कार्यकर्ता ललित पंत ने सफाई के प्रति आम लोगों को जागरूक करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कर आम लोगों को अभियान से जोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया का भी भरपूर इस्तेमाल करने की सलाह दी। ललित पंत ने कहा कि सफाई के लिए सरकारी स्तर पर पैसा तो काफी दिया जाता है, लेकिन आमतौर पर इस पैसे का समुचित इस्तेमाल नहीं हो पाता।

हिमालयन जन कल्याण समिति के गिरीश मल्कानी ने स्वच्छता के साथ शहरों के सौन्दर्यीकरण की भी जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में उन्होंने अपने स्तर पर यह काम शुरू किया और अब कई संस्थाएं उनका साथ दे रही हैं। उन्होंने कहा कि कूड़ा एक बड़ा रोजगार भी है। इस काम को हाथ में लेकर रोजगार के साथ समाज के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन भी किया जा सकता है। राजकीय शिक्षक संघ के महामंत्री रामसिंह मानिला ने कहा कि स्वच्छता को अभियान नहीं, बल्कि आंदोलन के रूप में लेने की जरूरत है। शिक्षक संघ हमेशा इस दिशा में प्रयासरत है और हरसंभव सहायता करने के लिए तैयार है। नगर निगम के विकास विशेषज्ञ रमेश चैहान ने भी इस काम में हर संभव मदद का भरोसा दिया। अध्यक्षीय भाषण में हिमालयन जन कल्याण समिति के अध्यक्ष साकेत अग्रवाल ने सिडकुल का विशेष आभार करते हुए कहा कि संस्था इस दिशा में लगातार कार्य करेगी और कूड़ा निस्तारण को रोजगार से जोड़ने की संभावनाएं तलाशेगी।

कार्यक्रम में विजय भट्ट संयोजक कार्यक्रम सचिव हिमालयन जनकल्याण समिति, राकेश डोभाल अध्यक्ष हिमालयन अभ्युदय, रणवीर चैधरी अध्यक्ष हमारा उत्तर जन मंच, छात्र नेता राहुल, कपिल शर्मा, समीर मुंडेपी, हेमलता पंत, कमल देवराणी, प्रदीप कुमार, सहजाद अंसारी, अब्दुल रहमान आदि भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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