चीन नहीं खराब मौसम बना अरुणाचल पहुँचने में बाधक
तवांग। दलाई लामा का अरुणाचल दौरा अब दो दिनों के लिए टाल दिया गया है और वजह है खराब मौसम। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि दलाई लामा अब छह अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश में अपने दौरे की शुरुआत तवांग से करेंगे। उन्हें पहले मंगलवार यानी चार अप्रैल को असम से अरुणाचल प्रदेश पहुंचना था।
असम और तवांग पर बोले दलाई लामा
मंगलवार सुबह दलाई लामा को सुबह 9:30 बजे अरुणाचल प्रदेश के लुमना पहुंचना था जो कि तवांग के ही पास है। लेकिन गुवाहाटी में भारी बारिश की वजह से उनका हेलीकॉप्टर टेक ऑफ नहीं कर सका है। अब दलाई लामा सड़क के रास्ते अरुणाचल प्रदेश पहुंचेंगे। तवांग से 180 किलोमीटर की दूरी पर बोमदिला, दलाई लामा का पहला पड़ाव होगा। दलाई लामा शनिवार को असम की राजधानी गुवाहाटी पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने कहा था, ‘जब कभी भी मैं भारत के नॉर्थ ईस्ट में आता हूं तो मुझे यहां के लोगों के साथ पुर्नमिलन का अहसास होता है।’ तवांग जाने के बारे में उन्होंने कहा था, ‘जब कभी भी मैं तवांग जाता हूं तो मुझे मेरी आजादी का ख्याल आता है जिसका अनुभव मैंने सन् 1959 में किया था।’ अरुणाचल प्रदेश में दलाई लामा को एक मंदिर का अभिषेक करना है और अपने अनुयायियों को आर्शीवाद देना है।
हमारे मामलों से दूर रहे चीन : भारत
दलाई लामा के इस दौरे को लेकर चीन की ओर से भारत को कई धमकियां दी गई हैं और चीन ने कहा है कि दलाई लामा के अरुणाचल दौरे से दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ सकते हैं। हालांकि दलाई लामा ने इस पर कहा था कि यह धमकी एक सामान्य बात है। वहीं मंगलवार को भारत के गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू की ओर से कहा गया है कि तिब्बती धर्मगुरु छह बार अरुणाचल प्रदेश का दौरा कर चुके हैं और ऐसे में इस बार उनके दौरे को कोई और रंग देने की कोशिश न की जाए। रिजिजू ने इससे पहले शनिवार को कहा था कि भारत ने कभी चीन के आतंरिक मसलों में हस्तक्षेप नहीं किया है और न ही चीन की संप्रभुता पर कोई सवाल उठाया है। ऐसे में भारत भी चीन से उम्मीद करता है कि वह भी भारत की संप्रभुता का ध्यान रखेगा। रिजिजू ने चीन को साफ कर दिया है कि भारत एक आजाद देश है और वह किसी भी धर्मगुरु को रोक नहीं सकता है।