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बच्चा बदलने के मामले में अस्पताल पहुंची बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष
दून महिला अस्पताल पहुंची बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । प्रदेश की राजधानी दून के महिला अस्पताल में बच्चा बदलने के मामले में अस्पताल प्रशासन ने अपने स्तर से जांच शुरू कर दी है। वहीं गुरुवार को बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी दून महिला अस्पताल पहुंची और मामले का जायजा लिया। वह दोनों दंपत्तियों से मिलीं और उनका पक्ष सुना।
गत दिवस अस्पताल प्रशासन ने कर्मचारियों व वार्डन से पूछताछ की थी। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली है। इसके अलावा मामले में पुलिस ने भी पूछताछ की। हालांकि अभी परिजनों की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई है। वहीं दून अस्पताल के एमएस डॉ. केके टम्टा ने कहा कि परिजन जब तक लिखित में शिकायत नहीं देंगे, तब तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
गौरतलब हो कि मंगलवार रात दून महिला अस्पताल में बच्चा बदले जाने की आशंका को लेकर परिजनों ने हंगामा किया था। डोभालवाला निवासी उमेश शाह की पत्नी आरती का कहना है कि उसने बेटे को जन्म दिया था। जिसकी हालत गंभीर होने पर उसे निक्कू वार्ड में रखा गया। जबकि महिला स्टाफ ने शाम को उसे बेटी होना बता दिया। आरती का कहना है कि जब उसे बेटा हुआ था तो स्टाफ ने उसे दिखाया भी था।
इस पर अस्पताल में परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। परिजनों ने स्टाफ पर बच्चा बदलने का आरोप भी लगाया है। वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि सुबह एक समय में एक ही नाम की दो महिलाओं के बच्चे हुए थे। पहली महिला आरती पत्नी अनिल ने सुबह 9.20 बजे लड़के को जन्म दिया। उसके बाद आरती पत्नी उमेश ने 9.50 बजे लड़की को जन्म दिया।
वहीं नर्सों की मानें तो महिला के परिजनों को लड़का चाहिए था। इसलिए वह लड़की को स्वीकार नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर डीएनए जांच में यह साफ हो जाता है कि महिला ने बेटी को जन्म दिया है तो परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएंगे।