स्वामी सानंद के अगले माह से जल भी त्यागने की घोषणा से केंद्र चिंतित !

- स्वामी को मनाने मातृसदन पहुंची केंद्र की टीम बिना नतीजे के वापस लौटी
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
हरिद्वार : गंगा रक्षा के लिए पिछले 82 दिन से अनशनरत स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद को मनाने नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के निदेशक जनरल राजीव रंजन के नेतृत्व में केंद्रीय टीम ने मंगलवार शाम मातृसदन में स्वामी सानंद को मनाने पहुंची लेकिन स्वामी सानंद मांगें पूरी होने तक अनशन जारी रखने की बात पर अड़े रहे, जिसके बाद टीम वापस लौट गयी। जो कल (बुधवार) को एक बार फिर स्वामी सानंद से मुलाकात कर उनका उपवास समाप्त करने का प्रयास करेगी।
स्वामी सानंद को मनाने आई केन्द्रीय एनएमसीजी की टीम ने करीब डेढ़ घंटे स्वामी सानंद से उनकी मांगों पर चर्चा की और सरकार की गंभीरता से भी उन्हें अवगत कराया। टीम ने उन्हें ”द नेशनल रिवर गंगा रिजुवेनेशन प्रोटेक्शन एंड मैनेजमेंट बिल-2018” की प्रति सौंपकर उनकी प्रतिक्रिया भी जाननी चाही और साथ ही स्वामी सानंद के गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए उनसे अनशन खत्म करने का अनुरोध किया। लेकिन स्वामी सानंद मांगें पूरी होने तक अनशन जारी रखने की बात पर अड़े रहे।
उल्लेखनीय है कि मनेरी भाली और लोहारी नागपाला जैसी जल-विद्युत परियोजनाओं के विरोध में अनशन कर चुके स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद गंगा व सहायक नदियों पर निर्माणाधीन और प्रस्तावित जल-विद्युत परियोजनाओं को तुरंत निरस्त करने, गंगा के लिए तैयार किए गए 2012 के ड्राफ्ट को एक्ट में तब्दील करने समेत चार-सूत्रीय मांगों को लेकर बीते 22 जून से अनशनरत हैं। उन्होंने बीती नौ सितंबर को उन्होंने पत्रकारों से बात के दौरान अगले एक माह में मांगें पूरी न होने की दशा में दस अक्टूबर से जल भी त्यागने की बात कही है जिससे केंद्र परेशान है।
वहीं मंगलवार को स्वामी सानंद की इस घोषणा के बाद एनएमसीजी के निदेशक जनरल राजीव रंजन के नेतृत्व में केंद्रीय टीम मातृसदन पहुंची। टीम ने सानंद से कई बिंदुओं पर चर्चा की और गंगा संरक्षण को लेकर सरकार के प्रयासों से भी उन्हें अवगत कराया। टीम ने उन्हें पिछले दिनों सदन में पेश किए गए ड्राफ्ट-2018 की प्रति सौंप इस पर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही। स्वामी सानंद ने ड्राफ्ट के अध्ययन के बाद ही कोई प्रतिक्रिया देने की बात कही है।
एनएमसीजी टीम बुधवार को उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए दोबारा आने का आश्वासन देकर लौट गई। टीम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की निजी सचिव हरिता, अपर निदेशक एसपीएमजी (स्टेट प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग ग्रुप) डॉ. राघव लंगर, सिटी मजिस्ट्रेट मनीष कुमार सिंह आदि शामिल हैं।