मॉब लिंचिंग रोकने को नोडल अधिकारी हर जिले में होंगे तैनात

- प्रत्येक जिले में तैनात किया जायेगा शासन द्वारा उच्च स्तरीय नोडल अधिकारी
- जिलों में खुफिया तंत्र को भी किया जा रहा है मजबूत
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : यदि किसी व्यक्ति से कोई अपराध हुआ है तो उसे सजा देने का हक कानून को है, न कि भीड़ को अब भीड़ हिंसा में शामिल व्यक्ति को कानून के तहत कड़ी सजा दी जाएगी। यही कारण है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद अब राज्य शासन के गृह मंत्रालय के निर्देश पर मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा हिंसा) को रोकने के लिए प्रत्येक जिले में शासन उच्च स्तरीय नोडल अधिकारी तैनात करने जा रहा है। वहीं इन अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के साथ ही जिलों में खुफिया तंत्र को भी मजबूत किया जा रहा है,ताकि ऐसे मामलों पर नज़र रखी जा सके।
सूबे के प्रमुख सचिव गृह आनंद वर्द्धन ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में शासन पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित कर रहा है। इसके लिए पुलिस, जिला प्रशासन व अन्य संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रमुख सचिव ने कहा कि भारतीय संविधान के तहत सम्मानपूर्वक जीवन जीने का सभी को अधिकार है। कानूनन यदि किसी व्यक्ति से कोई अपराध हुआ है तो उसे सजा देने का हक कानून को ही है, न कि भीड़ तंत्र को अब भीड़ हिंसा में शामिल व्यक्ति को कानून के तहत कड़ी सजा दी जाएगी।
उन्होंने कहा संविधान में जीवन के अधिकार को मूल अधिकारों की श्रेणी में रखा गया है। भीड़ द्वारा हमला और हत्या को व्यक्तिगत स्वतंत्रता और जीवन के मौलिक अधिकार पर वीभत्स हमले के रूप में देखा जा सकता है।
वहीं प्रमुख सचिव ने लोगों से अपील की कि कानून को अपने हाथ में न लें और भीड़ हिंसा में शामिल न हों। उन्होंने कहा कि पुलिस की सोशल मीडिया पर भी पूरी नजर है।