विभिन्न प्रजातियों के औषधीय पादपों का रोपण कर दिया पर्यावरण संवर्धन का संदेश
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
ऋषिकेश : AIIMS अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में भगवान धन्वंतरि जयंती (राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस) धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान के आयुष भवन में भगवान धन्वंतरि का विधिवत पूजन किया गया और विभिन्न प्रजातियों के औषधीय पादपों का रोपण कर पर्यावरण संवर्धन का संदेश दिया गया।
शुक्रवार को भगवान धन्वंतरि जयंती (राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस) के अवसर पर इस अवसर पर एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि भारतीय परंपरा ऋषि परंपरा है, इसके बल पर भारत दुनिया में विश्वगुरु कहलाया। संपूर्ण विश्व हमारे इस ज्ञान को आज के विज्ञान की कसौटी पर खरा उतरता देखकर आश्चर्यचकित हो रहा है।
निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने आयुर्वेद की वैज्ञानिकता को रेंडामाइज्ड कंट्रोल ट्रायल (आरसीटी) के माध्यम से सिद्ध करने की जरुरत बताई। आयुष विभागाध्यक्ष प्रो. वर्तिका सक्सेना ने बताया कि एम्स आयुष विभाग इस भारतीय प्राचीन चिकित्सा पद्धति को पूर्णरूप से एविडेंस बेस्ड चिकित्सा पद्धति बनाए जाने को प्रयासरत है।
सीनियर मेडिकल ऑफिसर डा. मीनाक्षी जगझापे के अनुसार आयुर्वेद के इतिहास से ज्ञात होता है कि यह ज्ञान भगवान ब्रह्मा द्वारा सृष्टि के उत्पन्न के समय दिया गया था, जिसे भगवान धन्वंतरि ने इसे जनकल्याण व लोगों को निरोगी रखने के लिए धरा पर उतारा था। उन्होंने बताया कि चारों वेदों मुख्यत: अथर्ववेद से प्राचीन ऋषि- मुनियों ने प्राणियों के कल्याण के लिए इस ज्ञान को एकत्रित कर आयुर्वेद को लिपिबद्ध किया।
मेडिकल ऑफिसर डा. विंतेश्वरी नौटियाल ने बताया कि भगवान धन्वंतरि जयंती पर पर्यावरण व औषधीय संवर्धन के लिए संस्थान परिसर में विभिन्न प्रजातियों के 30 औषधीय पादपों का रोपण किया गया,जिनमें हरड़,बहेड़ा,आंवला, रक्तचंदन, सहिजन, पपीता, आम, अनार, नींबू आदि प्रमुखरूप से शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आयुष विभाग में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, जिससे निश्चिततौर पर कहा जा सकता है कि जन सामान्य में आयुर्वेद के प्रति से विश्वास सततरूप से बढ़ रहा है।
कार्यक्रम के आयोजन में डा. अन्विता सिंह, डा. रविंद्र अंथवाल,नर्सिंग ऑफिसर अंजू,सीना, अत्रेश उनियाल, सौरभ रावत, संदीप कंडारी, संदीप भंडारी, दीपचंद्र जोशी, पतिराज, दीपक मिश्रा, सच्चितानंद, विद्या आदि ने सहयोग किया।
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