CRIME

हिरासत मौत मामले में दो माह में भी नहीं पूरी हुई मजिस्ट्रेटी जांच

सूचना अधिकार के अन्तर्गत कार्यवाही की सूचना भी एस.डी.एम. ने भी नहीं करायी उपलब्ध 

काशीपुर :  कटोराताल पुलिस चौकी में हुई पुलिस हिरासत मृत्यु की मजिस्ट्रेट जांच जिलाधिकारी उधमसिंह नगर द्वारा उपजिला मजिस्ट्रेट काशीपुर को सौंपने के दो माह बाद भी पूरी नहीं हुई है। सूचना अधिकार के अन्तर्गत उपजिलाधिकारी काशीपुर द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से यह खुलासा हुआ है।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने उपजिलाधिकारी काशीपुर से जिलाधिकारी उधमसिंह नगर द्वारा कटोराताल पुलिस चौकी में हिरासत मृत्यु मामले में हिरासत मुत्यु तथा भविष्य में ऐसी घटनायें रोकने हेतु सुझावों के सम्बन्ध में जांच के सम्बन्ध में 4 बिन्दुओं पर सूचनायें मांगी है। इसके उत्तर में लोक सूचना अधिकारी/उपजिलाधिकारी ने अपने पत्रांक 39 दिनांक 25 अप्रैल 2017 से मांगी गयी सूचना देने के स्थान पर केवल यह सूचित किया है कि जिलाधिकारी उधमसिंह नगर के आदेश पर कटोराताल पुलिस चौकी में हिरासत में हुई मृत्यु से सम्बन्धित मजिस्ट्रीयल जांच वर्तमान में गतिमान है। जांच पूर्ण हो जाने के उपरान्त वांछित सूचना आपको प्रेषित की जायेगी।

बीती  28 फरवरी 2017 को काशीपुर की कटोराताल पुलिस चौकी में हिरासत के दौरान जिया उद्दीन की कथित तौर पर फांसी लगाने से मौत हो गयी थी। लोगों के आक्रोश को देखते हुये तत्कालीन एस.एस.पी ने कोतवाल आम प्रकाश शर्मा, चौकी इंचार्ज प्रवीन सिंह समेत चार पुलिस कर्मियों को निलम्बित कर दिया था।

उपजिला मजिस्ट्रेट दयानन्द सरस्वती ने मार्च के प्रथम सप्ताह में ही मजिस्ट्रेटी जांच प्रारम्भ कर दी थी। 8 मार्च 2017 को कटोराताल पुलिस चौकी में संबंधित जानकारी रखने वाले व्यक्तियों के बयान दर्ज किये गये थे तथा विभिन्न संगठनों ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये भी मजिस्ट्रेट को अपने सुझाव उपलब्ध कराये थे।

श्री नदीम ने बताया कि पुलिस हिरासत में मृत्यु की मजिस्ट्रेटी जांच दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 176 के अन्तर्गत किया जाना अनिवार्य है। इसे कराना या न कराना किसी जिलाधिकारी या उच्च अधिकारी या सरकार की मर्जी नहीं हैं। दो माह में भी जांच पूरी करके रिपोर्ट न देना स्वयं मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं। इसके अतिरिक्त जीवन से सम्बन्धित सूचना प्रार्थना पत्र का 48 घंटे के स्थान पर 39 दिन में उत्तर देना तथा वांछित सूचना उपलब्ध न कराना स्पष्टतः सूचना अधिकार कानून का उल्लंघन है जिसके लिये सूचना अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही की जा रही है।

श्री नदीम द्वारा इस जांच में सूचना उपलब्ध कराने की तिथि तक कार्यवाहियों, जांच रिपोर्ट व अन्तरिम जांच रिपोर्ट, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने हेतु प्राप्त सुझाव तथा जांच पूरी न होने पर उसके रिकॉर्ड पर उपलब्ध कारणों की सूचना मांगी गयी है। सूचना न उपलब्ध कराने पर जिलाधिकारी उधमसिंह नगर को प्रथम अपील की गयी है।

devbhoomimedia

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