50 साल पहले गायब हुए विमान के मलवे के साथ मिला सैनिक का शव

- दुर्घटना के वक्त कुल 98 यात्री और 4 क्रू मेंबर सहित 102 लोग थे सवार
DEHRADUN : जाने अनजाने में उत्तराखंड की पहाड़ियों पर गए एक पर्वतारोहियों के ग्रुप ने बड़ी खोज की जिसकी किसी ने कभी कल्पना ही नहीं की थी। इस दल ने वर्तमान से करीब 50 साल पहले दुर्घटनाग्रस्त एक वायु सेना के विमान का मलबा खोज निकाला। पर्वतारोहियों के एक दल को पचास साल पहले दुर्घटनाग्रस्त हुए वायु सेना के एक विमान का मलबा और सैनिक का शव तब मिला जब यह दल एक जुलाई को चंद्रभाग-13 की साफ-सफाई के लिए गया था।
मिली जानकारी के अनुसार सैनिक का शव और मलबा ढाका ग्लेशियर बेस कैंप पर मिला जो समुद्र की सतह से 6,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। AN-12 का निर्माण तत्कालीन सोवियत संघ में हुआ था। इस विमान में दुर्घटना के वक्त कुल 102 लोग सवार थे जिनमें से 98 यात्री और 4 क्रू मेंबर थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमान 7 फरवरी 1968 को लापता हो गया था। । यह विमान हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। खबरों के मुताबिक भारतीय वायु सेना के ए एन -12 विमान को सोवियत संघ में बनाया गया था और यह सात फरवरी 1968 से लापता था। विमान के पायलट ने चंडीगढ़ से लेह जाने के दौरान खराब मौसम की वजह से वापस लौटने के बारे में सोचा था।
एक जानकारी के मुताबिक इस विमान ने जब आखिरी बार रेडियो से संपर्क किया था तब वह कथित तौर पर रोहतांग दर्रा के ऊपर उड़ रहा था। गौरतलब है कि हादसे के 35 साल बाद भी साल 2003 में मनाली के एबीबी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियर एंड अलायड स्पोर्टस के पर्वतारोहियों को दक्षिण ढाका ग्लेशियर में विमान का कुछ मलबा मिला था। साथ में उन्हें विमान में सवार सैनिक बेली राम का शव भी मिला था। आपको बता दें कि हादसे के बाद 50 साल से शवों की खोज की जा रही है, लेकिन अभी तक सिर्फ 6 शवों को ही खोजा जा सका है।
पर्वतारोहियों के इस समूह का नेतृत्व करने वाले दल के प्रमुख राजीव रावत ने उत्तरकाशी से फोन पर बताया कि, ए एन-12 हमें कुछ ऐसा मिला जिसकी हमें कोई उम्मीद नहीं थी। हमें विमान का मलबा और एक सैनिक का सड़ा-गला शव ढाका ग्लेशियर से मिला, यह स्थान समुद्र तल से 18,000 फीट की ऊंचाई पर है।