डॉ. जोशी और आडवाणी से मिले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह
- दोनों वरिष्ठ नेताओं को पार्टी ने इस बार टिकट नहीं दिया
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में टिकट न देने से उपजी नाराजगी और आलोचनाओं के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के दो कद्दावर नेताओं मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की। दोनों वरिष्ठ नेताओं को पार्टी ने इस बार टिकट नहीं दिया है। आडवाणी की गांधीनगर सीट से इस बार भाजपा अध्यक्ष चुनाव मैदान में हैं। टिकट नहीं मिलने के बाद जोशी ने बयान जारी कर कहा था कि भाजपा ने उनसे कहा है कि कानपुर में पार्टी ने उन्हें नामांकित नहीं किया।
गौरतलब हो कि इन दिनों पार्टी के नेताओं से नाराजगी की खबरें आ रही हैं। जिसके चलते पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इन दोनों नेताओं से मुलाकाल की है। जिसके बाद सभी गिले- शिकवे दूर होने की उम्मीद की जा रही है। वहीं हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आडवाणी को लेकर जो बयान दिया उसके बाद सिसायी हलचल शुरु हो गई। राहुल ने इन दोनों ही नेताओं के जले पर नमक छिड़कने जैसा काम किया है। इसके बाद सुषमा स्वराज ने आडवाणी को पिता तुल्य बताकर नई चर्चा को बल दे दिया है। हालाँकि उस दौरान रामलाल इन दोनों ही नेताओं से आग्रह करने गए थे कि वे इस बात को लिखकर स्वीकर कर लें कि वे लोकसभा के चुनाव में नहीं उतरना चाहते हैं। हालांकि इसे अस्वीकार करते हुए दोनों नेताओं ने उन्हें खाली हाथ लौटा दिया था। इसके बाद जब ये बात अमित शाह पर पहुंची तो उन्होंने आडवाणी से मिलने का समय मांगा। हालांकि उन्होंने शाह को भी समय नहीं दिया था।
आडवाणी ने प्रत्याशी नहीं बनाए जाने पर कुछ भी नहीं कहा है लेकिन उन्होंने ब्लॉग लिखा है। अपने ब्लॉग में उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी राजनीतिक रूप से असहमति रखने वालों को कभी राष्ट्र विरोधी नहीं कहती है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के आम चुनाव में पूर्ण बहुमत में आने के बाद कमोवेश आडवाणी और जोशी पार्टी में दरकिनार कर दिए गए।
संगठन के महत्वपूर्ण पदों से हटाने के बाद भाजपा ने इस बार के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं देकर पर्दा गिरा दिया है। भाजपा ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह 75 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टिकट नहीं देगी। यह साफ नहीं हो पाया है कि दोनों वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात में भाजपा अध्यक्ष शाह ने क्या बातचीत की। माना जा रहा है कि आडवाणी ने ब्लॉग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को संदेश दिया था।