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बड़ी ख़बर : !!नया संसद भवन आत्म निर्भर भारत के उदय का साक्षी!!

!!नया संसद भवन आत्म निर्भर भारत के उदय का साक्षी!!

देश की नई संसद आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा बल्कि लोकतंत्र हमारी प्रेरणा और हमारा संविधान हमारा संकल्प एक
विकसित भारत के संकल्पों को सिद्ध होते हुए भी देखेगा!…..

देश का नया लोकतंत्र का मन्दिर केवल एक इमारत नहीं बल्कि 140 करोड़ जनता की आकांक्षाओं का प्रतीक भी है। देश की नई संसद आत्म निर्भर भारत के दृढ़ संकल्प के बारे में दुनिया को संदेश देती है कि देश की हर विकास यात्रा में प्रत्येक दिन के कुछ पल अमर होते रहें। 28 मई 2023 का एक ऐसा ही दिन है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नये लोकतंत्र का मन्दिर संसद भवन वैदिक मंत्रोच्चार के राष्ट्र को समर्पित किया।
नये संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित करते हुए देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा लोकतंत्र हमारी प्रेरणा और हमारा संविधान हमारा संकल्प है। संसद के सभी प्रतिनिधि प्रेरणा और संकल्प की श्रेष्ठ प्रतिनिधि हैं। नई संसद में लिया गया हर निर्णय समाज के सभी वर्गों के भाग्य का फैसला करेगा और नई संसद में बने सभी कानूनों से गरीबी दूर करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नया लोकतंत्र का मन्दिर नूतन और पुरातन के सह-अस्तित्व का आदर्श उदाहरण है। नया संसद भवन एक विकसित भारत के निर्माण में हम सभी के लिए नई प्रेरणा बनेगा। ये संसद भवन हर भारतीय के कर्तव्य भाव को जागृत करेगा। यह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने का माध्यम भी बनेगा।

देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के पास अमृतकाल खंड के 25 साल हैं। इस अवधि में हमें मिलकर भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। विश्व स्तर पर हम पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है क्योंकि एक ‘विकसित ‘भारत’ कई अन्य देशों को प्रेरित करेगा। कई वर्षों के विदेशी शासन ने हमारा गौरव हमसे छीन लिया। आज भारत उस औपनिवेशिक मानसिकता को पीछे छोड़ चुका है। सेंगोल अंग्रेजों से सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक था और हमने उसको उचित सम्मान दिया है। उन्होंने कहा कि पंचायत भवन से लेकर संसद भवन तक देश और देशवासियों का विकास हमारा संकल्प और प्रेरणा बना हुआ है।
देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अगर हम नई संसद में आधुनिक सुविधाओं की बात करते हैं तो हमें संतोष होता है कि हमने देश के गांवों को जोड़ने के लिए 4 लाख किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण किया है।नए भवन की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पुराने संसद भवन में काम पूरा करना मुश्किल होता था और इस बात से सभी वाकिफ हैं। बैठने की जगह की कमी थी और तकनीकी दिक्कतें भी थीं। इसलिए दो दशक से भी अधिक समय से नए संसद भवन के निर्माण पर चर्चा चल रही थी।
देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नए भवन को अमृत महोत्सव में भारत के लोगों को उनके लोकतंत्र का उपहार बताया और कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र की जननी भी है। भारत आज वैश्विक लोकतंत्र का भी बहुत बड़ा आधार है। लोकतंत्र हमारे लिए सिर्फ एक व्यवस्था नहीं, एक संस्कार है,एक विचार है,एक परंपरा है।

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