जोशीमठ -मलारी के बीच भाप कुंड में फटा बादल 5 लोग बहे

DEHRADUN :- चमोली जिले के जोशीमठ -तपोवन -मलारी मार्ग पर भापकुण्ड के पास बीती देर रात बादल फटने की घटना में भापकुण्ड बॉर्डर रोड आर्गेनाईजेशन के पांच लोगों के बहने की सूचना है। यह घटना नीती घाटी के जेलम गांव में बरसाती गदेरे के शीर्ष भाग में बादल फटने के बाद हुई। जहाँ दो बच्चों सहित चार मजदूर मलबे में दब गए हैं। एक डेढ़ साल के बच्चे और उसकी मां का शव मलबे से निकाल लिया गया है, जबकि एक बच्चे सहित दो लोगों के शव अभी तक नहीं मिल पाए हैं। जिसमे से तीन लोगों के शव प्राप्त हो चुके हैं शेष के लिए खोजज़बीन जारी है। यह घटना जोशीमठ से 50 किमी दूर भापकुंड में हुई है ।
मलबा आने से यहां मौजूद बीआरओ के मजदूरों के टिन शेड दब गए। साथ ही टिन शेड में रह रहे मजदूर तुलसा देवी (36) पत्नी प्रेम बहादुर, डेढ़ वर्षीय सुनील पुत्र प्रेम बहादुर, दो वर्षीय गौरव पुत्र किशन पाल और गोपाल बहादुर (35) पुत्र पर बहादुर, सभी चौराठा, नेपाल निवासी मलबे में जिंदा दफन हो गए। सुबह सात बजे जोशीमठ तहसील प्रशासन को घटना की सूचना मिली। जिसके बाद बीआरओ के कमांडर एसएस मक्कर, एसडीएम योगेंद्र सिंह के साथ ही एसडी आरएफ और आईटीबीपी के जवान घटना स्थल पर पहुंचे।मलबा आने से यहां मौजूद बीआरओ के मजदूरों के टिन शेड दब गए। साथ ही टिन शेड में रह रहे मजदूर तुलसा देवी (36) पत्नी प्रेम बहादुर, डेढ़ वर्षीय सुनील पुत्र प्रेम बहादुर, दो वर्षीय गौरव पुत्र किशन पाल और गोपाल बहादुर (35) पुत्र पर बहादुर, सभी चौराठा, नेपाल निवासी मलबे में जिंदा दफन हो गए। सुबह सात बजे जोशीमठ तहसील प्रशासन को घटना की सूचना मिली। जिसके बाद बीआरओ के कमांडर एसएस मक्कर, एसडीएम योगेंद्र सिंह के साथ ही एसडीआरएफ और आईटीबीपी के जवान घटना स्थल पर पहुंचे।
मलबे में से तुलसा देवी और डेढ़ वर्षीय सुनील के शव निकाल दिए गए हैं, जबकि गौरव व गोपाल बहादुर के शव अभी तक नहीं मिल पाए हैं। वहीं, समीप के तमक गांव में भी बादल फटने से करीब 30 नाली कृषि भूमि बह गई है। भूस्खलन से गांव को भी खतरा हो गया है। जोशीमठ-मलारी हाईवे को भी गदेरे के मलबे से भारी नुकसान पहुंचा है। यहां करीब दो सौ मीटर तक भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर पसरे हुए हैं। एसडीएम योगेंद्र सिंह ने बताया कि मलबे में दबे मजदूरों के शवों की ढूंढखोज की जा रही है। मलारी हाईवे को शनिवार तक सुचारु कर लिया जाएगा।



