बीसीसीआइ से उत्तराखंड को मिली मान्यता नौ सदस्यीय कमेटी हुई गठित

देहरादून : लंबे इंतजार के बाद आखिरकार उत्तराखंड को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI)की तदर्थ मान्यता मिल गयी है इसके बाद अब खिलाड़ियों को अब सूबे के क्रिकेट खेलने के लिए अन्य राज्यों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के प्रबंधन को गठित समिति ने प्रदेश के खिलाड़ियों को वर्ष अगले दो सालों के लिए घरेलू सीजन मैच में खेलने के लिए मान्यता प्रदान कर दी है।
हालांकि, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने यह मान्यता किसी एक एसोसिएशन को न देकर इसके लिए सभी एसोसिएशनों की सहमति से एक नौ सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। इसमें मान्यता का दावा करने वाली प्रदेश की चारों क्रिकेट एसोसिएशन के छह सदस्यों के अलावा बीसीसीआइ के दो सदस्य व एक सदस्य राज्य सरकार का होगा। बीसीसीआइ का नामित प्रतिनिधि ही इसका संयोजक होगा। यही कमेटी प्रदेश में क्रिकेट गतिविधियों का संचालन करेगी।
गौरतलब हो कि उत्तराखंड के क्रिकेट एसोसिएशन की मान्यता का मामला राज्य के अस्तित्व में आने के बाद से ही लंबित चल रहा था। प्रदेश सरकार के प्रयास के बाद अब उत्तराखंड को बीसीसीआइ से मान्यता मिल पाई है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रदेश के खेल मंत्री अरविंद पांडेय ने बताया कि सरकार व खेल विभाग के प्रयास से अब प्रदेश के प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों को घरेलू क्रिकेट में खेलने का मौका मिलेगा। बीसीसीआइ ने खिलाडिय़ों के हित को देखते हुए उत्तराखंड की टीम को घरेलू सीजन में खेलने के लिए अनुमति प्रदान कर दी है।
खेल मंत्री ने बताया कि मान्यता का दावा करने वाली चारों एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बीसीसीआई के सामने इसकी सहमति प्रदान कर दी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही उत्तराखंड को रणजी मैच मिलने की भी संभावना है। इस मौके पर सचिव खेल भूपेंद्र कौर औलख और निदेशक विम्मी सचदेवा समेत खेल विभाग के अधिकारी मौजूद थे।