UTTARAKHAND

हरिद्वार में स्नान पर पाबंदी, हरकी पैड़ी रहेगी सील

हरिद्वार में कोविड का प्रसार हर रोज बढ़ रहा है। एक जनवरी से अब तक जिले में 2187 संक्रमित मिल चुके हैं। बीते 13 दिनों में बृहस्पतिवार को ही सर्वाधिक 429 मरीज मिले हैं। कोरोना के साये के बीच शुक्रवार को मकर संक्रांति पर्व है। हर साल मकर संक्रांति पर हरकी पैड़ी पर लाखों की भीड़ उमड़ती है। बीते साल भी कोरोनाकाल में पांच लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया। लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने मकर संक्रांति से तीन दिन पहले ही स्नान पर रोक लगा दी। सोशल मीडिया और दूसरे राज्यों की पुलिस के माध्यम से वहां के श्रद्धालुओं तक हरिद्वार में गंगा स्नान प्रतिबंधित होने की जानकारी पहुंचाई। 

पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की जिले की सीमाओं पर तैनाती कर दी गई। श्रद्धालुओं की वेशभूषा और उनके बताने पर ही बृहस्पतिवार को सीमा पर उनको रोका गया। मौजूदा एसओपी में बार्डर सील नहीं हैं। वैक्सीन की दो डोज लेने वाले या फिर 72 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट वालों को प्रवेश करने से नहीं रोका जा सकता है। बाहरी राज्यों और जिलों से आने वाले सीमाओं पर हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून आवश्यक कार्य के लिए आने का बहाना बनाकर हरिद्वार में प्रवेश कर गए। पुलिस चेकिंग कर अपनी पीठ थपथपाती रही। 

हरकी पैड़ी पर मकर संक्रांति से पूर्व बृहस्पतिवार को हजारों लोगों ने रोजाना की तरह स्नान किया। हालांकि, अन्य दिनों की तुलना में भीड़ कम थी। लेकिन सुबह से शाम पांच बजे तक स्नान करने वालों की संख्या हजारों में रही। कई लोग मकर संक्रांति स्नान के लिए पहले ही हरिद्वार पहुंचे हैं। सीसीआर टॉवर के निकट पंडित दीन दयाल पार्किंग का एक फ्लोर बाहरी लोगों के वाहनों से भर गया था। 

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