Uttarakhand

बैंकों के कर्मचारियों ने दो दिन के लिए किया कार्य बहिष्कार,जनता परेशान

  • देशभर के दस लाख से अधिक बैंक कर्मचारी हड़ताल पर
  • उत्तराखंड  में बैंक की 1586 शाखाओं में काम ठप्प 

देहरादून : वित्त मंत्रालय, आईबीए और बैंक यूनियनों के बीच वेतन मुद्दे पर हुई समझौता वार्ता विफल होने के बाद देहरादून सहित राज्य के अन्य जिलों में तमाम राष्ट्रीय बैंक बंद पड़े हैं।  बुधवार को बैंक बंद कर कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ अपने -अपने बैंकों के परिसरों में जमकर नारेबाजी की। वहीं बैंकों के बंद होने से  देहरादून सहित प्रदेश के दूरदराज के इलाकों की जनता को परेशान होना पड़ रहा है।

गौरतलब हो  कि देश के 10 लाख से अधिक बैंक कर्मचारी बुधवार से दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर चले गए हैं। इससे पहले समझौता वार्ता टूटने के बाद यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले कर्मचारियों ने मंगलवार को भी देहरादून में एसबीआई की मुख्य शाखा पर प्रदर्शन किया था।

बैंक कर्मचारियों का कहना है कि वेतन बढ़ोतरी के लिए लंबे समय से आंदोलन किया जा रहा है, लेकिन केंद्र सरकार, वित्त मंत्रालय व आईबीए अड़ियल रवैए अपनाए हुए है। मामले को सुलझाने का बाबत वित्त मंत्रालय, आईबीए व बैंक यूनियनों के पदाधिकारियों, कर्मचारियों की यूनियन के बीच 15 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई सकारात्मक हल नहीं निकला। इस बीच सरकार ने बैंक अधिकारियों-कर्मचारियों के वेतन में महज दो फीसदी बढ़ोतरी का एलान किया है। जिसे देश भर की तमाम बैंक यूनियनें मानने को तैयार नहीं है।

बैंक यूनियनों के अनुसार सरकार ने पांच साल बाद वेतन बढ़ोतरी की है। इसके बावजूद महज दो फीसदी वेतन बढ़ोतरी झुनझुना थमाने जैसा है। पिछले वेतन समझौता वार्ता में 15 फीसदी बढ़ोतरी की बात कही गई थी जो कि नवंबर से लंबित है। बैंक अधिकारियों-कर्मचारियों का कहना है जब देश में मुद्रा लोन योजना जैसी बैंकिंग योजनाओं को लागू कराने की बात आती है तो केंद्र सेवाएं लेने में कतई नहीं चूकती। जबकि अधिकारियों-कर्मचारियों के हितों के बाबत सरकार चुप्पी साध लेती है।

यूनाइटेड फोरम ऑफ  बैंक यूनियंस के संयोजक जगमोहन मेंहदीरत्ता ने कहा कि बुधवार से देशभर के दस लाख से अधिक बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। जहां तक उत्तराखंड का सवाल है तो राज्य में 1586 शाखाओं में काम ठप रहेगा। यदि सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा सकती है।

devbhoomimedia

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