आयुर्वेद विश्वविद्यालय में नियुक्ति प्रक्रिया पर शासन की रोक
देहरादून। आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुल सचिव की कुर्सी पर काबिज हीने के बाद से एक चर्चित कुल सचिव कारनामों को लेकर विश्वविद्यालय ख़ासा चर्चाओं में रहा है इस बार आयुर्वेद विश्वविद्यालय भर्ती प्रक्रिया को लेकर चर्चाओं में है। शासन ने उत्तराखण्ड आयुर्वेदि विश्वविद्यालय में विभिन्न पदों के लिए शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। यही नहीं कुलसचिव से विज्ञापित पदों के संबंध् में आयुष सचिव ने आख्या भी तलब की है।
आयुष विभाग की सचिव डा. भूपिंदर कौर औलख ने उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में नर्सिंग, पंचकर्म सहायक, लैब असिस्टेंट, पुस्तकालयाध्यक्ष एवं पुस्तकालय सहायक, सहायक लेखाकार तथा कनिष्ठ लिपिक के पदों पर शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया रोकने के आदेश किए हैं। शासन का कहना है कि विश्वविद्यालय में कुलपति का पद रिक्त होने एवं कुलसचिव की नियुक्ति का प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराध्ाीन होने के कारण नियुक्ति प्रक्रिया तत्काल स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने विगत 6 दिसंबर को विज्ञापन प्रकाशित कर लगभग 5 दर्जन से अधिक पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करते हुए आवेदन मांगे थे। विश्वविद्यालय द्वारा इसी के साथ नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। विज्ञापन प्रकाशित होने के बाद शासन के संज्ञान में आया कि कुलपति के अभाव में सक्षम प्राधिकारी का अनुमोदन लिए बिना कथित रूप से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है। यही नहीं स्वयं कुलसचिव की नियुक्ति का प्रकरण भी उच्च न्यायालय में लंबित है। ऐसे में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने को लेकर सवाल उठने लगे थे। इससे पूर्व संविदा पर की गई नियुक्तियों पर भी सवाल उठे थे। पिफलहाल नियुक्ति प्रक्रिया रुकने से नौकरी की उम्मीद में आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों की उम्मीदों को झटका लगा है।