EXCLUSIVE

Exclusive-बिना पायलट उड़ान योजना को कैसे लगेंगे पंख ?

  • कहां उड़ पा रहा है उत्तराखंड का आम नागरिक!
  •  योजना में चलने वाले विमानों के लिए पायलट नहीं मौजूद

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : उत्तराखंड में प्रधानमंत्री मोदी की उड़ान योजना यानि ”उड़े देश का आम नागरिक”  जिसके तहत देश के हर नागरिक के किये हवाई सेवा अपनी पहली सीढ़ी पर ही धराशायी हो गयी है।  हैरानी की बात तो ये है कि योजना में चलने वाले विमानों के लिए पायलट मौजूद नहीं बावजूद इसके योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड में इस योजना का शुभारम्भ करना था लेकिन समय की कमी के चलते वे नहीं कर  पाए  इसी दौरान दूसरे दिन केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से हरी झंडी दिखवाकर शुरू करवा दिया गया। 

उत्तराखंड में केंद्र की योजनाओं पर ब्यूरोक्रेट्स कैसे घालमेल कर बट्टा लगाती हैं, इसकी बानगी उड़ान योजना में दिख रही है।  मामला देहरादून से पिथौरागढ़ घरेलू हवाई सेवा का है जहां योजना को तय समय पर नियमित नहीं किया जा सका है।  जबकि देश के अन्य प्रांतों में यह योजना काफी  पहले शुरू की जा चुकी है।  सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तो ये है कि उत्तराखंड में इस योजना प्रधानमंत्री को करना था लेकिन बाद में दूसरे दिन केंद्रीय गृहमंत्री ने योजना को हरीझंडी दिखाई।

दरअसल इस योजना के लिए केंद्र ने उत्तराखंड में जिस ऑपरेटर का चयन किया है उसके पास पायलट ही मौजूद नहीं हैं।   वहीं देश मे 9 सीटर्स विमान चलाने वाली बेहद कम कंपनियां और इसे चलाने वाले पायलट भी गिनती में ही हैं, ऐसे में जब तक अनुभवी 9 सीटर्स विमान पायलट ऑपरेटर्स के पायलट्स को सर्टिफाई नहीं करेंगे तब तक इस योजना को शुरू ही नही किया जा सकेगा। 

युकाडा (उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विभाग) के अधिकारी भी इस तकनीकी दिक्कत के कारण योजना शुरू नहीं होने की बात मान रहे हैं। आपको बता दें कि पहले दो अक्टूबर को और उसके बाद अब 24 अक्टूबर यानी आज से इस योजना की नियमित उड़ान शुरू होनी थी जो नहीं हो पाई। जबकि आठ अक्टूबर को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और इन्वेस्टर्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री ने योजना को हरी झंडी दिखाई गई है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने जल्द ही योजना को धरातल पर उतारने का दावा किया है और तकनीकी समस्या के जल्द समाधान निकालने की बात कही है।

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »