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शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा अगले सत्र से लागू होगा नया फीस एक्ट

  • एनसीईआरटी किताबों के बाद फीस को लेकर शिक्षा मंत्री का बयान

देहरादून : एनसीईआरटी की किताबें को तमाम विरोधों के बाद निजी स्कूलों में लागू करवाने के बाद अब राज्य सरकार का शिक्षा महकमा फीस को नियंत्रित कर अभिभावकों और छात्रों को राहत देने की उधेड़बुन में है। हालांकि, यह राहत अब चालू शैक्षिक सत्र में तो शायद ही लागू हो पाए लेकिन नए शैक्षिक सत्र 2019 -20 में मिलने के पूरी उम्मीद है। हालाँकि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेयइसे इसी सत्र से लागू करवाना चाहते थे लेकिन तमाम अड़चनों के कारण शायद ही यह इस सत्र में लागू हो पाए लेकिन शिक्षा मंत्री ने इससे अगले शैक्षिक सत्र से इसे लागू करने पर प्रतिबद्धता जताई है। उन्होंने कहा कि फीस रेग्युलेशन एक्ट का ड्राफ्ट अगले एक माह में तैयार होगा। एक्ट के जरिये राज्य सरकार प्री-प्राइमरी, प्राइमरी, जूनियर, सेकेंडरी व सीनियर सेकेंडरी कक्षाओं के लिए अधिकतम फीस निर्धारित की जायेगी।

सचिवालय में सोमवार को विभागीय समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से एक मुलाक़ात में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि एनसीईआरटी किताबों के संबंध में हाईकोर्ट का फैसला देशभर के लिए नजीर बनेगा। आदेश की कॉपी मिलने पर राज्य सरकार उसका अनुपालन करेगी। वहीँ उन्होंने कहा कि रेफरेंस बुक के संबंध में उन्होंने और शिक्षा सचिव ने निजी स्कूल संचालकों के साथ बैठक की थी। बैठक में स्कूलों को रेफरेंस बुक की सूची शिक्षा महकमे को देने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन स्कूलों ने ये सूची अब तक नहीं सौंपी है।

वहीँ उन्होंने कहा कि आम अभिभावकों व छात्र-छात्राओं को राहत देने के लिए राज्य सरकार अब उत्तराखंड सेल्फ फाइनेंस्ड इंडीपेंडेंट स्कूल्स (रेग्युलेशन ऑफ फी) एक्ट लाने जा रही है। इसका ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। चालू सत्र प्रारंभ होने और एक्ट को लागू करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस साल एक्ट को लागू करने में कठिनाई आ सकती है। अगले सत्र से एक्ट लागू करने को सरकार प्रतिबद्ध है। एक्ट के आ जाने के बाद इस एक्ट के दायरे में सीबीएसई, आइसीएसई व उत्तराखंड बोर्ड से संबद्ध सभी निजी स्कूल होंगे।

  • जिलास्तरीय फी रेग्युलेटरी कमेटी में होंगे ये सदस्य:

-जिलाधिकारी

-मुख्य शिक्षा अधिकारी

-जिलाधिकारी नामित चार्टर्ड एकाउंटेंट

-लोनिवि के अधिशासी अभियंता

-जिलाधिकारी नामित कोई अभिभावक

-जिलाधिकारी नामित निजी स्कूल प्रबंधक या प्रधानाचार्य

समिति के कार्य:

-जो विद्यालय फीस से सहमत नहीं होंगे, वे सत्र प्रारंभ होने से तीन माह पहले फीस निर्धारण के संबंध में समिति को देंगे प्रत्यावेदन

-समिति का कार्यकाल दो वर्ष होगा

-समिति आवेदन प्राप्त होने के एक माह में करेगी फीस पुनर्निर्धारण

-फीस में अनियमितता संबंधी शिकायतों का करेगी निपटारा

-पहली बार शिकायत सही पाए जाने पर एक लाख रुपये, दूसरी बार शिकायत सही पाए जाने पर पांच लाख रुपये और तीसरी बार शिकायत सही पाए जाने पर मान्यता समाप्ति या अनापत्ति वापस लेने की कार्यवाही

  • राज्य स्तर पर गठित स्टेट अपीलेट अथॉरिटी में होंगे निम्न सदस्य:

-शिक्षा सचिव

-शिक्षा निदेशक

-शिक्षा सचिव नामित चार्टर्ड एकाउंटेंट

-लोनिवि मुख्य अभियंता

-सचिव से नामित कोई अभिभावक

-सचिव से नामित निजी स्कूल प्रबंधक या प्रधानाचार्य

समिति के कार्य:

-जिलास्तरीय समिति के फैसले के विरुद्ध अपील की जा सकेगी

-समिति एक माह में प्रकरण का निस्तारण करेगी

-सत्र प्रारंभ होने से पहले सभी विद्यालय अपने शुल्क का विवरण वेबसाइट पर अनिवार्य प्रकाशित करेंगे।

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